उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में अब तक 42 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। नालों से चार शव मिले हैं। ताजा जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अलग-अलग इलाके के नालों से पुलिस ने अब तक 4 शव बरामद किए हैं। सबसे पहले बुधवार (फरवरी 26, 2020) को चाँदबाग के नाले से आईबी के अंकित शर्मा का शव निकाला गया था। इसके बाद गुरुवार को 3 अन्य लोगों के शव भी निकाले गए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडिया एक्सप्रेस को इस संबंध में बताया, “उत्तर-पूर्वी जिले के नालों से 4 लाशें बरामद हुईं है। ये सभी उन इलाकों में मिली, जहाँ सोमवार (24 फरवरी) और मंगलवार (25 फरवरी) को हिंसा भड़की थी। हमारे पास लापता लोगों की सूची है। अब हम इन शवों की शिनाख्त करने में जुटे हैं। स्थानीय पुलिस को घरों और इमारतों की तलाशी के लिए तैनात कर दिया गया है। साथ ही सभी नालों की तलाशी ली जाएगी।”
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने गुरुवार को जिन शवों को बरामद किया है, उनमें एक की पहचान मुशर्रफ के रूप में हुई है। उसे चाँदबाग के नाले में मारकर फेंका गया था। मृतक की बहन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “हम हर जगह गए, पर हमें उनकी जानकारी कहीं नहीं मिली। फिर हमें किसी ने बताया कि उसे नाले में फेंक दिया गया था। जब हमने नाला देखा तो उसका शव वहाँ भी नहीं था। फिर गुरुवार को हम जीटीबी अस्पताल गए तो वहाँ उसका शव हमें मिला।”
दूसरे शव की पहचान मोहसिन के रूप में हुई। पुलिस को मोहसिन का शव भजनपुरा नाले से मिला। मोहसिन के अंकल ने बताया, “मंगलवार को करीब पाँच बजे वो भजनपुरा किसी काम से गया था। यहाँ उसकी कार को एक भीड़ ने घेर लिया और उससे पैंट उतारने को कहा। उसने किसी तरह अपने साथी को फोन किया। लेकिन जब तक उसे बचाने के लिए कोई कुछ कर पाता उन लोगों ने उसे मार कर नाले में फेंक दिया।”
जीटीबी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार, “गुरुवार को सुबह करीब साढे दस बजे तीनों शव लेकर आए गए। जरूर मृतकों को नाली में फेंके जाने से पहले भयानक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा होगा। तीनों शव सड़ चुके थे। शुरुआती जाँच में इनके सिर, चेहरे और छाती पर चोट के निशान मिले हैं। मगर, हो सकता है कुछ जलने के भी घाव हों। सारी चीजें सिर्फ़ पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता पाएगी।”
गौरतलब है कि पुलिस ने इससे पहले इस हिंसा में मारे गए 37 लोगों की जानकारी साझा की थी। पुलिस ने बताया था कि हिंसा में मारे गए लोगों में 1 पुलिस अधिकारी समेत 36 आम नागरिक हैं। साथ ही ये भी बताया इस अधिकतर लोगों (21 लोग) की मौत गोली लगने के कारण हुई। 4 लोगों की हत्या धारधार हथियार घोंपने और प्रताड़ित किए जाने के कारण हुई। वहीं, 3 लोगों को जलाकर मार डाला गया।