सरकार ने बृहस्पतिवार (जनवरी 31, 2019) को लीक हुए रोज़गार रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि रिपोर्ट अभी भी तैयार की जा रही है और पूरी तरह से तैयार होने पर जारी की जाएगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, “सरकार ने नौकरियों से सम्बंधित डेटा जारी नहीं किया, क्योंकि यह अभी तैयार किया जाना बाकी है। आँकड़े तैयार किए जाने के बाद ही सार्वजनिक किए जाएँगे।”
इसके साथ ही राजीव कुमार ने कहा, “आँकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया अब भिन्न है, हम नए सर्वेक्षण में कंप्यूटर की मदद से व्यक्तिगत साक्षात्कारकर्ता के द्वारा सर्वे कर रहे हैं। 2 अलग तरह से जुटाए आँकड़ों की तुलना करना सही नहीं है। यह डेटा अभी सत्यापित नहीं है। इस कारण से इस रिपोर्ट को अंतिम रूप में उपयोग करना अनुचित है।”
NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar: Data collection method is different now, we are using a computer assisted personal interviewee in the new survey. It is not right to compare the two data sets, this data is not verified. It is not correct to use this report as final. pic.twitter.com/AVUuD0wYDZ
— ANI (@ANI) January 31, 2019
उन्होंने कहा कि सरकार के थिंक-टैंक ने कहा है कि देश नए लोगों के लिए पर्याप्त नौकरियाँ पैदा कर रही है, भले ही वो अभी उच्च-गुणवत्ता वाले नहीं हैं। नीति आयोग के वीसी ने यह भी संकेत दिया कि अंतिम रिपोर्ट को मार्च के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है।
दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का प्रेस वार्ता को संबोधन https://t.co/0W10ANPXs3 pic.twitter.com/rO8eAmb3El
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) January 31, 2019
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने कहा है कि नौकरियों पर यह आधिकारिक डेटा नहीं है। हमें नहीं पता कि वह सही भी है या नहीं। ऐसे में जब तक सरकार आँकड़े जारी नहीं करती, तब तक इंतज़ार किया जाना चाहिए। आज हमारे पास डेटाबेस के लिए वैकल्पिक स्रोत हैं, जो कि बताते हैं कि पिछले साढ़े चार सालों में भारी संख्या में नौकरियाँ सृजित की गईं।
इससे पहले राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को घेरा था कि देश में बेरोज़गारी का स्तर 45 सालों में सबसे ज़्यादा है। राहुल गाँधी के ट्वीट का आधार नौकरी के सृजन से जुड़ा एक रिपोर्ट कार्ड था जो मीडिया में लीक हुआ था। इसमें 2017-18 में भारत में बेरोज़गारी दर 6.1% थी जो कि 1972-73 के बाद सबसे ज़्यादा है।
राहुल गाँधी ने मोदी को हिटलर कहते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा कहा, “फ़्यूहरर ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था। 5 साल बाद ये लीक हुई रिपोर्ट बताती है कि यह एक राष्ट्रीय आपदा बन चुकी है।”
NoMo Jobs!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 31, 2019
The Fuhrer promised us 2 Cr jobs a year. 5 years later, his leaked job creation report card reveals a National Disaster.
Unemployment is at its highest in 45 yrs.
6.5 Cr youth are jobless in 2017-18 alone.
Time for NoMo2Go. #HowsTheJobs pic.twitter.com/nbX4iYmsiZ
भाजपा तुरंत बचाव में आई और इसे ‘फ़ेक न्यूज़’ कहकर राहुल गाँधी को मुसोलिनी कहा, “ऐसा ट्वीट वही आदमी कर सकता है जिसने पूरे जीवन में कभी भी ढंग की नौकरी न की हो और बिलकुल बेकार बैठकर फ़र्ज़ी ख़बरें शेयर करता रहता हो।”
It's clear that he has inherited Mussolini's shortsightedness and has myopic understanding of issues.
— BJP (@BJP4India) January 31, 2019
EPFO's real data shows sharp increase in jobs, created in just the last 15 months.
Only a man who hasn't ever held a proper job & is totally jobless can peddle such #FakeNews! https://t.co/T0DHUs7IdZ