एक 12 वर्षीय बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी की गई कि वह राँची स्थित राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में लगभग 8 दिनों तक बेहोश रही। ‘हिंदुस्तान’ की ख़बर के अनुसार, मुंबई में दर्जन भर लोगों ने एक साल तक बच्ची का बलात्कार किया। पीड़ित बच्ची के बयान पर शमा परवीन, तबरेज आलम और अब्दुल रहमान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। शमा महिला हैं। बरियातू पुलिस ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता कोडरमा की रहने वाली है। डेढ़ साल पहले उसकी मौसी शमा परवीन उसे लेकर मुंबई गई। उसकी मौसी उसे पढ़ाने व अच्छी शिक्षा-दीक्षा दिलाने के बहाने मुंबई ले गई। लेकिन मुंबई ले जाने के बाद बच्ची से नौकरानी की तरह काम कराया जाने लगा।
वहाँ बच्ची से घर का कामकाज कराया जाता और अगर वो विरोध करती तो उसके साथ मारपीट की जाती। हर रात बच्ची को नशे की दवा जबरन खिलाई जाती थी और उसके साथ बलात्कार किया जाता था। जब बच्ची सुबह उठती तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं होता था। बच्ची ने अपनी मौसी को कई बार इस बात से अवगत कराया लेकिन उसकी मौसी उसे डाँट-डपट कर चुप करा देती थी। फ़रवरी में जब एक रात बच्ची को होश आया तो उसने देखा कि अब्दुल रहमान उसके साथ रेप कर रहा है।
जब बच्ची ने इस बात की जानकारी अपने मौसी को दी तो मौसी ने उसे खूब मारा-पीटा। बच्ची के शरीर को कई जगहों से जला दिया गया, उसे प्रताड़ित किया गया। पुलिस व डॉक्टरों को भी बच्ची के शरीर पर कई जगह जले के निशान मिले हैं। अप्रैल में जब बच्ची की तबियत बहुत ज्यादा ख़राब हो गई, तब उसकी मौसी उसे लेकर कोडरमा पहुँची। जब बच्ची की माँ ने तबियत ख़राब होने का कारण पूछा तो मौसी ने बहाने बना दिए और कहा कि इलाज के लिए वह रुपए देगी। इसके बाद मौसी बिना रुपए दिए मुंबई लौट गई और बच्ची को कोडरमा छोड़ दिया।
झारखंड के रांची स्थित रिम्स में आठ दिन तक बेहोशी की हालत में रहने के बाद 12 वर्षीय बच्ची ने मंगलवार को बरियातू पुलिस को बयान दिया कि मुंबई में एक साल तक दर्जनों लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया#Rape @dasraghubar https://t.co/3rIvpkUcmI
— Hindustan (@Live_Hindustan) June 19, 2019
बच्ची का इलाज कोडरमा में क़रीब 1 महीने तक चला लेकिन उसके साथ इतनी ज्यादतियाँ हुई थीं कि उसकी तबियत में तनिक भी सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उसे राँची स्थित रिम्स में भर्ती करा दिया गया। पुलिस पिछले 8 दिनों से पीड़िता का बयान लेना चाह रही थी लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं हो पा रहा था। बच्ची अभी भी बहुत ज्यादा डरी हुई है। वह किसी को भी देख कर ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लग रही है। महिला पुलिसकर्मियों द्वारा कोशिश करने के बाद बच्ची ने अपना बयान दर्ज कराया।
बरियातू पुलिस ने कहा कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस की एक टीम को मुंबई भेजा जाएगा। बच्ची के परिजनों का बयान लेने के बाद पुलिस ने रिम्स प्रशासन से उसके इलाज के सम्बन्ध में भी बात की। रिम्स ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित बच्ची का इलाज मुफ़्त में किया जाएगा और परिजनों से एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा।