Sunday, December 22, 2024
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निशा हुईं राधिका, निदा बनीं निधि: 2 मुस्लिम लड़कियों की घरवापसी, हिन्दू युवकों से विवाह – एक की शादी के बाद धमकी, दूसरी का गला दबा मारा था भाई

राधिका (निशा) का विवाह सम्पन्न करवाने वाले पंडित के के शंखधर को बरेली के आला हजरत से जुड़े कुछ लोगों ने धमकियाँ दी हैं। निदा के परिजन भी उसके रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। प्रेम-प्रसंग की जानकारी होने पर निदा के भाई ने अपनी बहन का गला दबा कर मारने की भी कोशिश की थी।

उत्तर प्रदेश के बरेली और सीतापुर जिलों में 2 अलग-अलग मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिन्दू धर्म में घर वापसी की गई है। बरेली में निशा नाम की लड़की सत्य सनातन स्वीकार करते हुए राधिका बन गईं। राधिका ने राजेश कुमार नाम के युवक से विवाह किया है। वहीं सीतापुर जिले में निदा बानो ने भी हिन्दू धर्म अपना लिया है। निदा अब निधि नाम से जानी जाएँगी। निधि ने रचित कुमार को अपना जीवन साथी चुना है। शनिवार (18 मई 2024) को सम्पन्न हुए इन दोनों विवाहों में वेदमंत्रों का उच्चारण किया गया और हिन्दू संगठनों द्वारा जय श्री राम के नारे लगाए गए।

बरेली में निशा बनीं राधिका

पहला मामला बरेली जिले का है। यहाँ अगत्स्य मुनि आश्रम में 18 मई को निशा अपने प्रेमी राजेश के साथ पहुँचीं। उन्होंने खुद को बालिग होने के प्रमाण पंडित के के शंखधर को सौंपे और राजेश से विवाह करने की इच्छा जताई। पंडित शंखधर ने राजेश और निशा ने शपथ-पत्र व अन्य कानूनी कागजात लिए और उसकी तस्दीक के बाद दोनों का विवाह वैदिक विधि-विधान के मुताबिक सम्पन्न करवाया। इस अवसर पर निशा ने राजेश के साथ हवन किया और हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाए।

ज़ाकिर की बेटी निशा मूल रूप से बिजनौर के श्योहरा थानाक्षेत्र की निवासिनी हैं। वहीं राजेश भी बिजनौर जिले के नेहटौर इलाके में रहते हैं। निशा ने बताया कि राजेश उनके गाँव में अपनी रिश्तेदारी में आया करते थे। लगभग 5 साल पहले दोनों में जान पहचान हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई। निशा के परिजन इस रिश्ते के खिलाफ थे। निशा से विवाह के लिए राजेश कई जिलों में भटकते रहे। आखिरकार उन्हें बरेली के अगत्स्य मुनि आश्रम का पता चला। यहाँ दोनों का विधि-विधान से विवाह सम्पन्न हुआ। ऑपइंडिया के पास विवाह संबंधी सभी कागजात मौजूद हैं।

यह विवाह सम्पन्न करवाने वाले पंडित के के शंखधर ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया कि विवाह के बाद उनको बरेली के आला हजरत से जुड़े कुछ लोगों ने धमकियाँ दी हैं। उन पर मुस्लिम लड़कियों के अवैध तौर पर धर्मान्तरण का आरोप भी लगाया गया। पंडित शंखधर ने बताया कि विवाह करने वाली तमाम लड़कियाँ बालिग़ हैं और घर वापसी उनका स्वयं का निर्णय होता है। पुजारी ने प्रशासन से उम्मीद जताई है कि वो न सिर्फ धमकी देने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगा बल्कि उनकी सुरक्षा को भी लेकर संजीदगी से विचार करेगा।

सीतापुर में निदा बनीं निधि

घर वापसी का दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से आया है। यहाँ निदा बानो नाम की लड़की ने सत्य सनातन स्वीकार किया है। निदा अब निधि नाम से जानी जाएँगी। उन्होंने रचित कुमार नाम के हिन्दू युवक से वैदिक विधि-विधान से विवाह किया। यह विवाह एक हिन्दू मंदिर में हुआ, जिसमें बाराती और घराती की भूमिका राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना नाम के एक संगठन के सदस्यों ने निभाई। शादी के दौरान जय श्री राम के नारे लगे। निदा और रचित ने एक साथ हवन-पूजन किया।

ऑपइंडिया ने राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना के अध्यक्ष विकास हिन्दू से बात की। उन्होंने हमें बताया कि परवेज की 20 वर्षीया बेटी निदा बानो और रचित में 3 साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। निदा मूलतः इमलिया थानाक्षेत्र सीतापुर जिले की रहने वाली हैं। वहीं 22 साल के रचित कुमार निदा के पड़ोसी हैं। दोनों एक साथ एक ही स्कूल में पढ़े थे। निदा के परिजन इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। प्रेम-प्रसंग की जानकारी होने पर निदा के भाई ने अपनी बहन का गला दबा कर मारने की भी कोशिश की थी। इन लोगों ने रचित के घर तक जाकर धमकियाँ दी थीं।

आखिरकार रचित और निदा ने विकास हिन्दू से सम्पर्क किया। विकास ने उन्हें सम्मान और सुरक्षा दिलाने का वादा किया। पहले निदा बानो का शुद्धिकरण करवा कर उनका नामकरण निधि के तौर पर किया गया। बाद में सीतापुर शहर के कालीपीठ मंदिर में दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ है।

विवाह से निदा बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें तीन तलाक और हलाला जैसे बातें सुन कर डर लगता था। हिन्दू धर्म में घर वापसी और रचित को अपने पति के तौर पर पाकर निदा बेहद खुश हैं। राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना ने प्रशासन से इस नवदम्पति को सुरक्षा देने की माँग की है। ऑपइंडिया के पास विवाह संबंधी सभी कागजात मौजूद हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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