उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया। आरोप है कि बसपा नेता और पूर्व पार्षद हाजी खलील अहमद ने नगर निगम की करीब 30 करोड़ रुपए की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद वहाँ मदरसा और मस्जिद बनवाई। फिर कुछ दुकानें बनवाकर उन्हें किराए पर दे दिया। अब नगर निगम ने हाजी खलील अहमद के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। साथ ही जमीन खाली करने का नोटिस दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल को स्थानीय लोगों ने 23,000 वर्ग मीटर की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर शिकायत की थी। लोगों ने कहा था कि नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर पहले मदरसा बनाया गया। इसके बाद मस्जिद भी बना दी गई। मदरसा कमिटी में खलील अहमद मुख्य भूमिका में था। कमिटी में कब्जे के बाद उसने मदरसा खत्म कर दिया। साथ ही उक्त जमीन पर दुकानें बनवा दीं। फिर उन्हें किराए पर दे दिया।
इस मामले में मेयर सुनीता दयाल का कहना है कि इस जमीन की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है। 200 वर्ग मीटर हिस्से में मस्जिद बनी है। शेष जमीन पर दुकान व अवैध निर्माण के अलावा अवैध पार्किंग भी चल रही है। इस मामले का खुलासा होने के बाद आरोपित हाजी खलील अहमद के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। जमीन को 2 दिन के भीतर खाली करने का नोटिस दिया जाएगा। साथ ही डुगडुगी बजाकर चेतावनी भी दे जाएगी।
मेयर ने यह भी कहा है कि यदि नोटिस और चेतावनी के बाद भी जमीन खाली नहीं की गई तो बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण खाली कराया जाएगा। साथ ही हाजी खलील अहमद की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद लोगों की आस्था से जुड़ी है। इसलिए उस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन, नगर निगम की बाकी जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
वहीं इस मामले में नगर निगम के संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम ने आरोपित पूर्व पार्षद हाजी खलील अहमद के खिलाफ कोतवाली में FIR दर्ज कराई है। भोलानाथ गौतम का कहना है कि खलील अहमद निवासी कैला भट्टा ने खसरा संख्या-213 की 2.3340 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा करके उस पर अवैध रूप से दुकान बनवा रखी हैं। इसलिए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।