Sunday, November 3, 2024
Homeदेश-समाज₹15000 दो, तार के नीचे से भारत में घुसो: अजमेर के दरगाह क्षेत्र से...

₹15000 दो, तार के नीचे से भारत में घुसो: अजमेर के दरगाह क्षेत्र से पकड़े गए भाई-बहन, बांग्लादेश से घुसपैठ का मॉडल आया सामने

बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसने का सिलसिला जारी है। बांग्लादेशी सिर्फ 15 हजार रुपए देकर भारत में एंट्री पा लेते हैं और फिर फर्जी दस्तावेज के सहारे पहचान बदलकर यहाँ बस जाते हैं और काम-धंधा करते रहते हैं। हालाँकि, अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार लगातार अभियान चला रही है। ऐसे ही एक मामले में राजस्थान के अजमेर से पुलिस ने एक बांग्लादेशी भाई-बहन को गिरफ्तार किया है।

बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसने का सिलसिला जारी है। बांग्लादेशी सिर्फ 15 हजार रुपए देकर भारत में एंट्री पा लेते हैं और फिर फर्जी दस्तावेज के सहारे पहचान बदलकर यहाँ बस जाते हैं और काम-धंधा करते रहते हैं। हालाँकि, अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार लगातार अभियान चला रही है। ऐसे ही एक मामले में राजस्थान के अजमेर से पुलिस ने एक बांग्लादेशी भाई-बहन को गिरफ्तार किया है।

ये दोनों भाई-बहन अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फर्जी पहचान पत्र बनाकर किराए पर रह रहे थे। ये दोनों दूसरी बार भारत में घुसे थे। इनके पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है। इसमें दोनों को पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना इलाके का निवासी बताया गया है। दोनों करीब दो महीने से अजमेर में रहकर कपड़ों का कारोबार कर रहे थे। सीआईडी ने शक के आधार पर इन्हें गिरफ्तार किया है।

युवती महमूदा अख्तर पहले दो बार वीजा लेकर भारत आ चुकी है। उस दौरान महमूदा ने हैदराबाद, कलकत्ता, अजमेर सहित भारत के अलग-अलग जगहों पर घूम-घूमकर काम किया था। हालाँकि, जब कोविड का प्रकोप फैला तो वह वापस बांग्लादेश लौट गई थी। महमूदा ने पुलिस को बताया कि इस बार वीजा नहीं मिला तो वह एजेंटों के जरिए अवैध रूप से भारत में घुस आई। 

महज 15 हजार में एंट्री!

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशी भाई-बहन के नाम नाहिद हुसैन (21) और महमूदा अख्तर (30) हैं। ये बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के रहने वाले हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से सटे मुंशीगंज जिले में कामकाज की कमी को देखते हुए दोनों भाई-बहन ने भारत में आने की योजना बनाई थी। दोनों दो माह से अजमेर में रह रहे थे।

पुलिस से पूछताछ में उन्होंने बताया है कि सिर्फ 15 हजार रुपए में बांग्लादेश के लोगों को भारत में एंट्री मिल जाती है। ये कोई मुश्किल काम नहीं है। उनका कहना है कि बॉर्डर पर भारत और बांग्लादेश के लोग मिले हुए होते हैं। बॉर्डर इलाके में कई दलाल सक्रिय हैं, जो रुपए लेकर बॉर्डर पार कराने का काम करते हैं। 

बाड़ के नीचे से मिलती है एंट्री

बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बताया कि उन्हें बाड़ के नीचे से एंट्री मिल जाती है। ऐसा किसी एजेंट के जरिए ही किया जाता है। भारत में आने के बाद वो फर्जी कागज और पहचान पत्रों के दम पर अपनी आगे की जिंदगी जीते हैं। दोनों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले भी वे भारत में ही थे। इस बार वो दूसरी बार भारत आए हैं।

दोनों भाई-बहन अजमेर के नाला बाजार में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। दोनों ने नाम भी बदल लिया था। इस तरह सुरक्षा एजेंसियों की आँखों में धूल झोंक कर दोनों भाई-बहन अजमेर में रहकर बिजनेस कर रहे थे। हालाँकि, उनकी पोल खुल गई और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अलवर स्थित डिडक्शन सेंटर पर भेज दिया है।

अजमेर बना हुआ है घुसपैठियों का अड्डा

बता दें कि अजमेर के भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने कई बार जिला पुलिस और इंटेलिजेंस को दरगाह के साथ ही अजमेर के अलग-अलग इलाकों में बांग्लादेशियों के अवैध रूप से रहने की शिकायत दर्ज कराई थी। हालाँकि, कॉन्ग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। अब सरकार बदलते ही कार्रवाई शुरू हो गई।

माना जाता है कि राजस्थान के अजमेर में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की एक बड़ी संख्या है। पिछले कई सालों में यहाँ कई बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए हैं। इस समस्या को देखते हुए राजस्थान सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक गौरी शंकर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन पर बांग्लादेशियों को योजनाबद्ध तरीके से दबोचने का जिम्मा दिया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -