सोशल मीडिया पर सीता माता को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले ट्रेनी ऑफिसर आसिफ खान को गोएयर (GoAir) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। एयरलाइन ने कहा कि किसी व्यक्ति या कर्मचारी के निजी विचारों से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
The airline doesn’t associate itself with personal views expressed by any individual or employee.With immediate effect,GoAir is terminating employment contract of trainee 1st Officer Asif Khan:GoAir statement on the trainee officer’s alleged objectionable comments on social media pic.twitter.com/TQLyVUHftL
— ANI (@ANI) June 4, 2020
आसिफ खान ने सोशल मीडिया पर हिंदू देवताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। आसिफ खान ने अपने प्रोफाइल में उल्लेख किया था कि वह GoAir में केबिन क्रू मेंबर है।
आसिफ खान द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गो एअर ने घोषणा की थी कि वह इस बात की पुष्टि करने में लगे हैं कि आसिफ खान उनकी एयरलाइन के साथ जुड़ा हुआ है या नहीं। गोएयर ने कहा था कि हमारी नीति सभी कर्मचारियों के लिए शून्य सहिष्णुता की है, जिसमें कर्मचारियों को रोजगार नियमों का पालन करना पड़ता है, इसमें सोशल मीडिया का भी व्यवहार शामिल है।
— GoAir (@goairlinesindia) June 4, 2020
नेटिज़ेंस ने आसिफ खान को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए गोएअर के प्रति आभार व्यक्त किया है। नेटिजेंस ने कहा कि आसिफ खान ने हिंदू देवताओं पर बहुत ही अभद्र टिप्पणी की थी और इसके परिणामस्वरूप उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
इससे पहले सोशल मीडिया पर सीता माता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की पुलिस में शिकायत करने वाले संघ (RSS) कार्यकर्ता की पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया था। सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने लिखा था, “खंडवा, MP में संघ कार्यकर्ता राजेश फूलमाली (26) द्वारा फेसबुक में सीता माता पर अपशब्द की शिकायत पुलिस से करने पर 18 मई को रोजेदारों नें लिंचिंग की थी, इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। 15 नमाजियों को अरेस्ट किया गया है, हमारी टीम राजेश के परिवार को न्याय दिलाने के लिए वहाँ तत्पर है।”
प्रशांत पटेल उमराव ने मृतक राजेश फूलमाली (Rajesh Phoolmali) को न्याय दिलाने की बात कहते हुए लिखा था कि “आरएसएस कार्यकर्ता राजेश एससी समुदाय से थे। हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए अनुसूचित जाति आयोग के पास जा रहे हैं।”