केरल सोना तस्करी (Gold Smuggling) मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने जहाँ मंगलवार (7 जून, 2022) को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। वहीं अब स्वप्ना सुरेश ने बुधवार (8 जून, 2022) को आरोप लगाया कि राजनयिक सोने की तस्करी मामले में पहले आरोपित पीएस सरित का उसके आवास से अपहरण कर लिया गया है।
बता दें कि स्वप्ना इस मामले में दूसरी आरोपित हैं। उन्होंने कहा, “चार लोगों के एक गैंग ने पुलिस के रूप में सरित का उसके पलक्कड़ के फ्लैट से अपहरण कर लिया। यहाँ तक कि उन्होंने कोई पहचान पत्र भी नहीं दिखाया।” स्वप्ना ने खुलासा किया कि आज बुधवार को पलक्कड़ में मीडिया से बात करते हुए सरित का अपहरण कर लिया गया। उसने आरोप लगाया कि अपहरण आज सुबह उसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ मिनट बाद हुआ।
उन्होंने दावा किया, “पहले आपने पूछा कि धमकी क्या थी। अब यह धमकी नहीं तो और क्या है, हमले शुरू हो गए हैं। एचआरडीएस इंडिया के कर्मचारी सरित को घर से 3-4 अज्ञात लोगों ने जबरन अपहरण कर लिया है।” उन्होंने यह भी कहा, “उन्होंने अपने हमले शुरू कर दिए हैं। मैं कम बोलती हूँ और वे पहले से ही डरे हुए हैं। यह उसी का संकेत है। वे इस तरह की गंदी रणनीति के जरिए अपनी संलिप्तता स्वीकार रहे हैं।”
वहीं स्वप्ना सुरेश ने अपने बयान में कहा, “अब आप मेरे, मेरे परिवार और सरित के सामने आने वाली धमकियों को जानते हैं। केरल के लोगों को यह महसूस करने की आवश्यकता है कि यहाँ दिन के उजाले में भी किसी को भी मारा या अपहरण किया जा सकता है।”
जब बाद में सरित को राज्य सरकार के सतर्कता अधिकारियों द्वारा उठाए जाने की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके वकील ने उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने सहित कानूनी कदम पहले ही शुरू कर दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ डीवाईएसपी के तहत एक जाँच दल ने इस घटना की जाँच शुरू कर दी है। वे सरित के आवास पहुँचे और सीसीटीवी फुटेज की जाँच की। वहीं अब इस मामले में खुलासा हुआ है कि सोने की तस्करी के मामले में आरोपित सरित पी को एक दूसरे केरल लाइफ मिशन वाले मामले में पुलिस की सतर्कता टीम ने आज हिरासत में ले लिया था। और बाद में हुए हंगामे के बाद अब पुलिस ने उसका फोन जब्त कर उसे छोड़ दिया है।
Kerala | Sarith P, who is accused in an alleged gold smuggling case was taken into custody by police vigilance in connection with Kerala Life Mission case, today. Later, police released him after seizing his phone.
— ANI (@ANI) June 8, 2022
बता दें कि इससे पहले कोच्चि की एक अदालत में पेश होने के बाद स्वप्ना सुरेश ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा मंगलवार को कहा था कि विजयन डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी घोटाले में शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि जब विजयन 2016 में दुबई में थे, तब उन्हें करंसी से भरा एक बैग भेजा गया था।
Kochi | I've declared in court about the involvement of Kerala CM, his wife and daughter. I have also filed a petition seeking protection in the court: Swapna Suresh, prime accused in gold smuggling case pic.twitter.com/3Q5haK0MXF
— ANI (@ANI) June 7, 2022
स्वप्ना सुरेश ने कहा, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”
इससे पहले सुरेश ने सोमवार (6 जून 2022) को कहा था, “मेरी जान को खतरा है। इसलिए मैंने अदालत को एक बयान देने का फैसला किया है। मैं सभी तथ्यों (सोने की तस्करी से संबंधित) और इसमें शामिल लोगों के नाम का खुलासा करूँगी।’’ गिरफ्तारी के 16 महीने बाद सुरेश को पिछले साल नवंबर में जेल से रिहा किया गया था। सुरेश को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने एक अन्य आरोपित संदीप नायर के साथ 11 जुलाई, 2020 को बेंगलुरु से हिरासत में लिया था।
खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी
केरल में सोना तस्करी का मामला जुलाई 2020 में सामने आया था। डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर के 2 जुलाई, 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर के खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इतना सारा सोना डिप्लोमैटिक बैग में भर कर लाया गया था। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी सरित से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात था। मीडिया में यह कहा जाता रहा है कि स्वप्ना को आईटी विभाग में इतना बड़ा पद दिए जाने के पीछे एम शिवशंकर का हाथ था।
उसको एक संवेदनशील स्पेस पार्क प्रोजेक्ट में काम दिया गया था, बावजूद इसके कि उनके खिलाफ पहले से ही क्राइम ब्रांच का एक मामला चल रहा था। साथ ही इंटेलिजेंस विंग ने भी उनके खिलाफ बयान दिया था, जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया। कॉन्ग्रेस और भाजपा, राज्य के दोनों ही विपक्षी दलों ने कम्युनिस्ट सरकार पर स्वप्ना को बचाने का आरोप लगाया है। हालाँकि, कस्टम अधिकारियों ने स्वप्ना के आवास पर छापेमारी की थी।
‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के लिए 1 करोड़ का कमीशन
उस वक्त स्वप्ना ने कहा था कि उनके अकाउंट से जो 1 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं, वो उन्हें केरल सरकार से ‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के एजेंट के रूप में काम करने के लिए बतौर कमीशन मिले थे। ये केरल सरकार का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि भूमिहीन और जिनके पास आवास नहीं है, ऐसे परिवारों को बसाया जाए और उनके लिए घर बनाए जाएँ। अब इसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम इसीलिए आता है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के मुखिया वही हैं और उन्होंने UAE की यात्रा भी की थी, ताकि इसके लिए 20 करोड़ का डोनेशन जुटा सकें।
UAE के ‘Red Crescent’ से उन्हें 20 करोड़ रुपए मिले थे, जिस पर सवाल उठाए गए थे। कॉन्ग्रेस का तो यहाँ तक आरोप था कि केरल सीएम के UAE जाने के बाद ही स्वप्ना सुरेश और IT सचिव एम शिवशंकर भी दुबई चले गए थे। ऐसे में विपक्षी नेताओं का सवाल था कि विजयन ने जो MoU पर हस्ताक्षर किए, वो कहाँ और किसकी मौजूदगी में किए। क्या उस समय वहाँ स्वप्ना सुरेश भी उपस्थित थी?
आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तस्करी
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर NIA ने अगस्त 2020 में खुलासा किया था कि पिछले 10 महीनों में केरल में लगभग 150 किलोग्राम सोने की तस्करी की गई थी। एजेंसी ने अदालत को बताया था कि जाँच में यह भी पता चला है कि तस्करी मुख्य रूप से आभूषण बनाने के लिए नहीं बल्कि आतंकी गतिविधियों के लिए की जाती थी, क्योंकि नकदी में लेन-देन करना मुश्किल हो गया था। एनआईए ने अदालत में यह भी बताया था कि आरोपितों ने सोना तस्करी के लिए यूएई दूतावास की सील और राजकीय चिन्ह से छेड़छाड़ कर अपराध को अंंजाम दिया।