Sunday, December 22, 2024
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दावा- महिला के चेहरे पर बना था तिरंगा, सेवादार ने स्वर्ण मंदिर में घुसने से रोका: SGPC ने कहा- वह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था

घटना की वीडियो वायरल होने के बाद SGPC महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, "ये एक सिख तीर्थस्थल है। हर धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा होती है। हम सभी का स्वागत करते हैं। अगर किसी ने दुर्व्यवहार किया है, तो हम इसके लिए माफी माँगते हैं।"

पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में एक युवती के साथ बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो 17 अप्रैल 2023 का है। इसमें एक पुरुष और युवती को एक सिख व्यक्ति से भिड़ते हुए देखा जा सकता है। जब उस पुरुष ने सिख व्यक्ति से पूछा कि उसने गुड़िया को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से क्यों रोका तो वो बोला, “उसके चेहरे पर एक झंडा है।” जब लड़की ने कहा कि यह भारतीय झंडा है, तो सिख व्यक्ति ने कहा, “ये इंडिया नहीं पंजाब है।”

इस वीडियो की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने माफ़ी माँगी है। उन्होंने कहा कि बड़ी शर्म की बात है कि लोग ट्वीट कर रहे हैं। यहाँ देश-विदेश से जितने भी श्रदालु आते हैं, हम उनका आदर करते हैं। सिखों ने देश की आजादी में भी अहम भूमिका निभाई, लेकिन हर बार सिखों को ही निशाना बनाया जाता है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, SGPC महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा, “ये एक सिख तीर्थस्थल है। हर धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा होती है। हम सभी का स्वागत करते हैं। अगर किसी ने दुर्व्यवहार किया है, तो हम इसके लिए माफी माँगते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “इस लड़की के चेहरे पर बना झंडा, राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। इस झंडे में अशोक चक्र नहीं बना हुआ था, बल्कि यह किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा हो सकता है।”

वायरल वीडियो पर एक यूजर ने लिखा, “एक नहीं कई खालिस्तानी छुपे बैठे हैं यहाँ…।”

विनीत कुमार सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “यह झूठ बोल रहा है। सेवादार ने कहा था कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। इस पर क्या कहना है इस आदमी का? कुछ ही दिन हुए हैं, जब अफगानिस्तान में इन पर जुल्म हो रहा था, तब इन्हें भारत याद आ रहा था। अच्छी बात है कि सिखों में इन जैसे मूर्ख कम ही हैं।”

उन्होंने इसके बाद एक और ट्वीट किया कि खालिस्तानी झंडे, जिन पर भिंडरावाले की तस्वीर लगी हुई है, उन्हें अंदर ले जाने की इजाजत है, लेकिन चेहरे पर तिरंगे का टैटू बनाने वालों को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। किसको बेवकूफ बना रहा है यह आदमी? असल बात है कि इनकी जहनियत सड़ चुकी है। इन सबके दिमाग में भूसा भर गया है।

आलोक प्रधान ने इस वीडियो पर सवाल उठाते हुए कहा, “2021 में स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर खालिस्तानी झंडे का स्वागत किया गया, क्यों? स्वर्ण मंदिर प्रशासन को स्पष्ट करना होगा कि आप लोग भारतीय हैं या खालिस्तानी?”

अभिनव खरे नाम के यूजर लिखते हैं कि ये लोग हमारी राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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