गुजरात (Gujarat) के खेड़ा जिले में नाडियाद पॉक्सो कोर्ट ने सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मुस्तफा मियाँ नाम के एक शख्स को सजा-ए-मौत दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने उसे पीड़िता को मुआवजे के तौर पर 2 लाख रुपए देने का भी आदेश दिया है। मामला खेड़ा जिले के मातर तालुका का है।
रिपोर्टों के मुताबिक, सौतेला पिता मुस्तफा ने 11 साल 10 महीने की पीड़िता के साथ पहली बार दुष्कर्म किया था। इसके बाद यह सिलसिला 6 महीनों तक चला। वह पीड़िता को धमकी देता था कि यदि उसने किसी से कुछ कहा तो उसे और उसकी वालिदा (माँ) को जान से मार देगा। डर की वजह से नाबालिग चुप रह गई।
इस मामले का खुलासा जनवरी 2022 में तब हुआ, जब नाबालिग लड़की तीन माह की गर्भवती हो गई। पेट दर्द की शिकायत के बाद माँ उसे अस्पताल लेकर गई, जहाँ डॉक्टरों ने गर्भावस्था का खुलासा किया। जब माँ ने पूछताछ की तो लड़की ने सारी कहानी बताई। नाबालिग की माँ ने मुस्तफा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
नाडियाद पॉक्सो कोर्ट में आरोपित के खिलाफ 12 गवाह और 44 दस्तावेज पेश किए गए। पीड़िता ने गवाही के दौरान पॉक्सो कोर्ट को बताया कि उसका सौतेला पिता रात में उसकी माँ को नशीला पदार्थ दे देता था। इसके बाद जब वह गहरी नींद में सो जाती तो नाबालिग का यौन शोषण करता था।
लगभग साल भर की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मुस्तफा को सौतेली बेटी से एक से अधिक बार बलात्कार और नाबालिग को गर्भवती करने जैसे गंभीर अपराधों का दोषी पाया। इसके लिए कोर्ट ने उसे IPC की धारा 376 (ए)(बी), धारा 5 (जे) (2) और 5 (एल) के तहत मौत की सजा सुनाई।
मृत्युदंड देते हुए अदालत ने कहा, “शारीरिक चोट के मामले में घाव भरने की संभावना है, लेकिन यौन हमले के कारण आत्मा पर लगी चोट मानसिक छाप के रूप में पीड़ित के साथ रहती है।इसलिए, इस मामले में किसी भी तरह की अनावश्यक उदारता दिखाना, न्याय व्यवस्था का उपहास और अपमान होगा।”
कोर्ट ने आगे कहा, “एक बच्चे के लिए माता-पिता भगवान के समान होते हैं। एक बच्चे और उसके पिता और माँ के बीच का रिश्ता एक पवित्र बंधन होता है, लेकिन यहाँ पिता ने ही अपनी नाबालिग बेटी का शोषण किया। यह रिश्ते पर एक धब्बा है।” कोर्ट ने इस अपराध को पिता द्वारा बेटीके साथ अपराध को दुर्लभतम मामलों के रूप में वर्गीकृत किया।
बता दें कि आरोपित मुस्तफा मूल रूप से गोधरा का रहने वाला है। वह खेड़ा जिले के मातर के महलेज गाँव में रह रहा था। 28 वर्षीय मुस्तफा ने एक विधवा महिला से निकाह किया था। पहली शादी से महिला की तीन बेटियाँ थीं। बड़ी बेटी शादी कर के अहमदाबाद में बस चुकी है, जबकि अन्य 2 बेटियाँ अपने माँ और सौतेले पिता के साथ रह रही थीं।
बताया गया कि कुछ समय बाद मुस्तफा और उसका परिवार अहमदाबाद के एक फॉर्म हाउस का देखभाल करने लगा। फॉर्म हाउस में जब कोई नहीं होता था, तब मुस्तफा अपनी सौतेली बेटी को डरा-धमका कर उसके साथ बलात्कार करता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने उसे मौत की सजा दी है।