‘डेरा सच्चा सौदा’ प्रमुख गुरमीत राम रहीम 40 दिन के पैरोल पर बाहर आया है और अपना समय बागपत के बरनावा आश्रम में बीता रहा है। सुनारिया जेल से पैरोल से बाहर आने के बाद से ही वह चर्चा में है। डेरा प्रमुख ने अपनी मुँहबोली ‘बेटी’ व राजदार हनीप्रीत का नाम बदलकर ‘रूहानी दीदी’ रख दिया है। हनीप्रीत भी विवादों में रह चुकी है और जेल भी जा चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राम रहीम ने डेरा सच्चा सौदा में किसी भी तरह के नेतृत्व परिवर्तन को पूरी तरह से नकार दिया है और कहा है कि फिलहाल वो ही डेरा का प्रमुख बना रहेगा। राम रहीम ने गुरु और गद्दी बदलने की चर्चाओं पर कहा, “डेरे के गुरु हम थे, हम हैं और हम ही रहेंगे।” लोगों का मानना है कि इसके बाद अब हनीप्रीत और डेरे को लेकर जो भी चर्चाएँ चल रही थीं, बंद हो जाएँगी।
हनीप्रीत को लेकर उसने कहा, “हमारी बेटी का नाम हनीप्रीत है। हर कोई उन्हें ‘दीदी’ कहता है, इसलिए इससे भ्रम होता है। इसलिए हमने अब उनका नाम ‘रूहानी दीदी’ रखा है और इसका उच्चारण आसान करने के लिए ‘रूह दी’ के रूप में मॉडर्नाइज किया है।”
Our daughter is called Honeypreet. Since everyone calls her ‘didi’, it causes confusion as everyone is ‘didi’. So we have now named her ‘Ruhani Didi’ & modernised it to easy to pronounce, ‘Ruh Di’: Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim
— ANI (@ANI) October 26, 2022
(Source: Dera Sacha Sauda social media) pic.twitter.com/L4qFaOMmje
राम रहीम ने बरनावा डेरे में दीपावली भी मनाई और लोगों से प्रदूषण का ध्यान रखकर दीपावली मनाने की अपील की। हरियाणा में आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए कई नेता गुरमीत राम रहीम के सत्संग में पहुँचकर आशीर्वाद ले रहे हैं। राम रहीम ने जेल से निकलते ही सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो अपलोड कर अपने समर्थकों को मैसेज दिया। राम रहीम के भक्त भी डेरा प्रमुख के आश्रम में काफी संख्या में पहुँच रहे हैं । प्रशासन और आश्रम के लोग किसी भी अनजान व्यक्ति को प्रवेश नहीं दे रहे हैं।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम दो महिला भक्तों के रेप के आरोप में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। साल 2019 में राम रहीम और तीन अन्य को पत्रकार राम चंदर छत्रपति की 2002 की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। पिछले साल उसे चार अन्य लोगों के साथ डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था। रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।