हरियाणा के नूँह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिन्दुओं पर मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए टार्गेटेड हमले ने अनगिनत पीड़ितों के जेहन में एक गहरा सदमा छोड़ा है। आज भी उस दंगे के शिकार हुए कई पीड़ित 31 जुलाई को क्या हुआ था इसका आँखों देखा हाल बयान कर रहे हैं। इनका बोलना इसलिए भी ज़रूरी है ताकि वामपंथी-इस्लामी गठजोड़ के झूठे नैरेटिव को बेनकाब किया जा सके। झूठ पर आधारित यह धड़ा लगातार न सिर्फ मुस्लिमों के अपराध छिपाने और उन दंगाइयों के क्रूरतम कृत्यों को भी व्हाइटवॉश करने में लगा है बल्कि उल्टा हिन्दुओं पर ही नूहं दंगे का दोष मढ़ रहा है।
इसी बीच रवि गुप्ता (40), जो सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की पिनांगवान शाखा में प्रबंधक हैं, ने नूहं में मुस्लिम भीड़ के हमले से बाल-बाल बचने के अपने भयानक अनुभव को साझा किया है। गुप्ता जैसे पीड़ितों द्वारा बताए गए घटनाक्रम स्पष्ट रूप से इस बात को प्रमाणित करते हैं कि मुस्लिम भीड़ ने हिन्दुओं को उनकी धार्मिक मान्यताओं के लिए निशाना बनाया और यहाँ तक कि उन लोगों पर भी बेरहमी से हमला किया जो इस धार्मिक शोभा यात्रा का हिस्सा नहीं थे।
गुप्ता जैसे कई पीड़ितों के अनुसार, मुस्लिम भीड़ ने न केवल यात्रा में शामिल हिंदू श्रद्धालुओं को निशाना बनाया और उन्हें बंधक बनाने का प्रयास किया, बल्कि उन दंगाइयों ने वहाँ से गुजर रहे या उनके पड़ोस में रहने वाले अन्य हिंदुओं पर भी हमला किया।
बैंक मैनेजर गुप्ता ने कहा कि वह होडल में स्थित अपने घर की ओर जा रहे थे, तभी सिंगार में मुस्लिमों की भीड़ ने उन्हें रोक लिया। मुस्लिमों की भीड़ ने चिल्लाते हुए उन्हें पीट-पीटकर मार डालने के लिए उन पर जानलेवा अटैक किया। ऐसे में कैसे उनकी जान बची यह वही जानते हैं।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुप्ता ने कहा, “शाम 5.30 बजे, मुझे भीड़ ने रोक लिया। वे किसी के पीछे भाग रहे थे। तभी अचानक, किसी ने मेरी ओर इशारा किया और कहा इसे पकड़ो, मारो, भाग न जाए।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम भीड़ ने न केवल उन पर हमला किया, बल्कि उन्होंने उन्हें लूट लिया और क्रूर हमले से बचने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए उनके बाइक को भी जला दिया।
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने मुझ पर लाठियों से बेरहमी से हमला किया। हालाँकि, मेरे हेलमेट ने शुरू में मुझे बचा लिया, लेकिन उन्होंने उसे भी उतार दिया। उन्होंने मेरी जाँघों, पैरों और कंधों पर कई वार किए। मेरे सिर पर भी चोट लगी। उन्होंने मेरी जेब फाड़ दी और मेरा मोबाइल फोन और 4000 रुपए नकद निकाल लिए। बाद में मुझे पता चला कि मेरी बाइक में भी आग लगा दी गई है।”
इसके बाद, उन्होंने बताया कि उन्होंने शुक्रवार, 4 अगस्त, 2023 को शिकायत दर्ज कराई और इसे भी बाकी एफआईआर से जोड़ दिया गया है।
अस्पताल में हिंदू मरीजों को धार्मिक आधार पर बनाया शिकार
इससे पहले मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि हरियाणा के नूँह में पचास से ज्यादा दंगाई एक अस्पताल में घुस गए। उन्होंने मरीज़ों, स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों को उनके धर्म के आधार पर अलग करके उन पर हमला किया।
उनकी योजना और बर्बरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हत्यारी मुस्लिम भीड़ ने हिंदू डॉक्टरों और पीड़ितों को मुस्लिमों से अलग करके उन पर हमला किया। यहाँ तक कि एक डॉक्टर की तीन साल की बेटी को भी लाठियों से पीटा गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भीड़ ने अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला पर भी हमला किया। मुस्लिमों की भीड़ ने उसके हाथ और पैर पर लाठियों से हमला किया। महिला भीड़ से बचने के प्रयास में धक्का-मुक्की के बाद वहीं गिर पड़ी। हालाँकि, इस मामले में, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार दो आरोपितों नादिर और अंजुम की पहचान की, जो इस दंगाई भीड़ का हिस्सा थे। फ़िलहाल, इन दोनों को दंगे और हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि इससे पहले मिठाई की दुकान पर काम करने वाले शक्ति सैनी की हत्या का मामला सामने आया था। उसे भी दुकान से खींचकर बेरहमी से मार डाला गया और बाद में भीड़ ने उसके शव को चौक पर फेंक दिया। इस मामले में भी यह बात सामने आई है कि मुस्लिमों की भीड़ ने उन हिंदुओं पर भी हमला किया जो शोभा यात्रा का हिस्सा नहीं थे।