हरियाणा के मेवात में सड़क हादसे में एक गो तस्कर की मौत हो गई। उसके दो साथी घायल हो गए। लेकिन कुछ लोग इस मामले को गो रक्षकों की पिटाई से मौत के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं। पुलिस ने भी इसका खंडन किया है और बताया है कि मौत एक्सीडेंट में हुई है।
मरने वाले गो तस्कर की पहचान वारिस के तौर पर हुई है। उसके जख्मी साथी नफीस और शौकीन हैं। शनिवार (28 जनवरी 2023) को एक कार में गोवंश को ठूँसकर ये ले जा रहे थे। पुलिस से डरकर भागते वक्त इनकी कार अब्दुल करीम के टाटा एस टेंपो से भिड़ गई। दुर्घटना में कार सवार गो तस्कर गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में वारिस की मौत हो गई।
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना भिवाड़ी-तावडू मार्ग पर मौजूद खोरी कलां गाँव की है। लेकिन वारिस की मौत के बाद उसके परिजनों ने हादसे को हत्या बताना शुरू कर दिया। इस दौरान मृतक के परिजनों ने मोनू मानेसर नाम के एक गोरक्षक पर वारिस की पिटाई का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की माँग की।
इसके बाद सोशल मीडिया में इस घटना का हत्या के तौर पर प्रचार किया जाने लगा। मेवात में वारिस के परिजनों ने प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में शामिल लोग एक वीडियो की चर्चा कर रहे थे, जिसमें वारिस से कुछ लोग पूछताछ कर रहे थे। हालाँकि वह वीडियो कब का है, किसने बनाया और कहाँ का है इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
हरियाणा मेवात भीड़ ने फिर एक मुस्लिम नौजवान वारिस की पीट पीटकर जान” ले ली वारिस की हत्या” का आरोप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लगा हैं। लेकिन पुलिस लीपापोती कर रहीं हैं!#JusticeForWarish pic.twitter.com/8T4ueyFL2b
— Noushad Saifi (@noushadsaifi46) January 29, 2023
सोशल मीडिया पर इस मामले को ज़ाकिर अली त्यागी, मिल्लत टाइम्स, मोहम्मद सैफी, मोहम्मद तनवीर जैसे कई अन्य लोग तूल देते नजर आए।
जिसकी गाड़ी से हुई टक्कर उसने भी मारपीट को किया खारिज
जिस टाटा ऐस से वारिस की कार भिड़ी थी, उसका मालिक अब्दुल करीम है। करीम ने पुलिस को बताया है कि घटना के दिन वह अपने बेटे के साथ वाहन से मंडी में सब्ज़ी लेने जा रहा था। तभी सामने से आ रही सेंट्रो कार से गाड़ी की भिंड़त हो गई। करीम ने घटना की वजह कार चालकों की लापरवाही बताया है। अब्दुल करीम द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत में बताया गया है कि सेंट्रो में गाय बेरहमी से ठूँसी हुई थी। शिकायत के मुताबिक घटना के कुछ देर बाद पुलिस और गोरक्षक मौके पर पहुँचे थे। बाद में तीनों गोतस्करों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
जिस वाहन से मृतक वारिस की सेंट्रो टकराई थी, उसमें सवार रहीस ने ऑपइंडिया से बात की। रहीस ने हमें बताया कि उनके आगे किसी भी प्रकार की कोई मारपीट नहीं हुई थी और पुलिस ने लगभग 15 मिनट बाद पहुँच कर तीनों कार सवारों को अपनी कस्टडी में लिया था।
पुलिस ने अब्दुल करीम की शिकायत पर वारिस, शौक़ीन और नफीस पर IPC की धारा 279, 337, 304 A, 427, 429 के साथ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 और गोवंश संरक्ष्ण व संवर्धन अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत FIR दर्ज कर ली। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। फ़िलहाल शौक़ीन और नफीस का पुलिस कस्टडी में इलाज चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नूंह जिले के पुलिस अधीक्षक IPS वरुण सिंगला ने वारिस की मौत की वजह एक्सीडेंट में घायल होना बताया है। SP नूंह के अनुसार दुर्घटना में कार की हैंडल वारिस के पेट और छाती में धँस गई थी। इससे उसे गंभीर आंतरिक चोटें आईं थीं। सिंगला के अनुसार इलाज में देरी की वजह से उसकी जान चली गई।
गोरक्षा के कारण साजिश
इस मामले में मृतक के परिजनों के आरोपों का सामना कर रहे गोरक्षक मोनू ने ऑपइंडिया से बात की। मोनू ने हमें बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार और झूठे हैं। मोनू के मुताबिक वो इलाके में तस्करों से अक्सर गायों की रक्षा करते रहते हैं और यही वजह है कि वे निशाने पर हैं।