हरियाणा के फरीदाबाद जिले का बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड के दो मुख्य आरोपितों तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुधवार (24 मार्च) को दोषी करार दिया है। शुक्रवार 26 मार्च को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। वहीं, हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार तौसीफ को उपलब्ध करवाने वाले अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है।
पिछले साल अक्टूबर में फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में अग्रवाल कॉलेज के बाहर 21 वर्षीय छात्रा निकिता तोमर की दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दरअसल, आरोपित तौसीफ (Tauseef) ने निकिता को गाड़ी में खींचने की कोशिश की, लेकिन जब वो असफल रहा तो उसने उसे गोली मार दी थी। वहीं, वीडियो में अन्य आरोपित मोहम्मद रिहान द्वारा तौसीफ को कार में वापस खींचते देखा जा सकता है। यह पूरी घटना CCTV में भी कैद हो गई थी, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के घरवालों ने आरोप लगाया था कि निकिता (Nikita) पर तौसीफ (Tauseef) धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। तीन साल पहले इस संबंध में पंचों के सामने फैसला भी हुआ, लेकिन तौसीफ ने दोबारा लड़की के संपर्क में आने का प्रयास किया। उसने बार बार निकिता को यही कहा, ‘मुस्लिम बन जा हम निकाह कर लेंगे’ मगर जब लड़की ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसकी गोली मार कर हत्या कर दी।
बता दें कि मृतका निकिता ने घटना के एक माह पहले ही आरोपित तौसीफ के खिलाफ छेड़खानी और उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी। हालाँकि, बाद में परिवार ने मामला वापस ले लिया था। इसके बाद उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि तौसीफ ने उसे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया और उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव डालने लगा था। वारदात के बाद छात्रा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना के बाद वहाँ अफरा-तफरी मच गई थी। यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर आरोपितों की पहचान करके तौसीफ और रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।