Monday, December 23, 2024
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हिंदू से बने ईसाई, गुड़ में जहर मिला मार डाले 45 गाय: कॉन्ग्रेस नेता के पति के पास मृत गायों को उठाने का ठेका, कम मौतों से धंधा हो गया था मंदा

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों ने कबूल किया कि घटना के दिन उन सभी ने शराब पी और 2 बाइकों पर सवार होकर गोशाला पहुँचे। यहाँ उन्होंने गायों को सल्फास खिलाया, जिससे रात 2 बजे से उनकी मौतों का सिलसिला शुरू हो गया।

हरियाणा के करनाल में 45 गायों की जहर देकर हत्या के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम विशाल, रजत, सूरज और सोनू हैं। एक अन्य मास्टरमाइंड अमर फरार चल रहा है। बताया जा रहा है कि आरोपित हिन्दू धर्म त्याग ईसाई बन चुके हैं। ये मृत गायों को उठाने वाले ठेकेदार के कारिंदे हैं। कम गायों की मौत की वजह से इनका धंधा मंदा चल रहा था। हड्डी, खाल और चर्बी वगैरह से होने वाली कमाई कम हो गई थी। इसलिए इन्होंने घटना को अंजाम दिया। मामला 26 जनवरी 2023 को सामने आया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला करनाल के फसमंडी इलाके में पड़ने वाली नगर निगम गोशाला नंदी ग्राम का है। इसी साल 26 जनवरी की रात एक-एक कर गायों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ। कुछ ही समय के अंतराल पर 45 गोवंशों ने दम तोड़ दिया। मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि गुड़ और चारे में सल्फास की गोलियाँ मिलाकर गायों को खिलाई गई थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उच्चस्तरीय जाँच टीम का गठन किया था। जाँच टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है।

मामले की जाँच कर रही पुलिस टीम ने घटना के दिन गोशाला के आसपास एक्टिव रहे मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाई। इस दौरान 5 ऐसे नंबर सामने आए जिनका कोई वास्ता गोशाला से नहीं था। पुलिस ने इन नम्बरों को ट्रेस किया। ये नंबर कुरुक्षेत्र के शाहबाद की डेरा बस्ती के रहने वाले विशाल और अमर, करनाल की मंगल कॉलोनी निवासी रजत, डेरा बस्ती अम्बाला के रहने वाले सोनू और जम्मू-कश्मीर की एक झुग्गी में रहने वाले सूरज के निकले। इसके अलावा गोशाला आने-जाने वाले रास्तों की तमाम CCTV फुटेज निकाली गई। इन फुटेज में भी पाँचों आरोपित घटना की रात आते-जाते दिखाई दिए। पुलिस ने दबिश देकर अमर को छोड़ कर बाकी सभी को गिरफ्तार कर लिया है।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे पाँचों कई साल पहले हिन्दू धर्म छोड़ ईसाई बन चुके हैं। हड्डी, चर्बी और खाल आदि की तस्करी के लिए इस घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की। हर मृत गाय के उन्होंने 8 से 10 हजार रुपए मिलने की जानकारी दी। पकड़े गए आरोपितों में विशाल और रजत पहले से ही गोशाला में मरने वाली गायों को उठाने का काम करते थे। उनका कहना था कि गायों के कम मरने से उनका धंधा मंदा चल रहा था। इसलिए उन सभी ने एक साथ कई गायों को मार डालने का फैसला किया।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों ने कबूल किया कि घटना के दिन उन सभी ने शराब पी और 2 बाइकों पर सवार होकर गोशाला पहुँचे। यहाँ उन्होंने गायों को सल्फास खिलाया जिससे रात 2 बजे से उनकी मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। 10 पुड़िया जहर विशाल अपने साथ लाया था। 3 बजे सभी आरोपित वापस लौट आए थे। बाद में जब बजरंग दल वालों ने मृत गायों को अधिकारियों से बात कर जमीन में दफनाना शुरू किया तब इन सभी ने ऐसा न करने के लिए कहा। आरोपितों ने खुद को मृत गोवंश न सौंपने पर गोशाला से दुबारा मृत गायें न उठाने की भी धमकी दी थी।

आरोपितों ने पूछताछ में यह भी कबूल किया है कि वे पहले भी इस गोशाला में जहर देकर 4-5 गायों को एक साथ मारते रहे हैं। 15 जनवरी 2023 के बाद वो ऐसी हरकत 3-4 बार कर चुके थे।

इस गोशाला से मृत गायों को उठाने का टेंडर कॉन्ग्रेस नेत्री रानी कम्बोज के पति दीपक मेहरा को मिला था। उन्हें इसकी एवज में 4 लाख 23 हजार रुपए हर माह मिल रहे थे। दीपक मेहरा ने यह ठेका अमित नाम के एक व्यक्ति को आगे फ्री में बढ़ा दिया। पाँचों आरोपित अमित के यहाँ काम करने वाले बताए जा रहे हैं। ख़ास बात ये रही कि 45 गायों की मौत के बाद खुद कॉन्ग्रेस नेत्री रानी कम्बोज भी गोशाला के आगे हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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