हरियाणा के झज्जर में शुक्रवार (अक्टूबर 1, 2021) को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कार्यक्रम था। बड़ी संख्या में कथित किसान इसका विरोध करने पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। उनको रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछार करनी पड़ी।
जब फसल बर्बाद हो गई तो उप मुख्यमंत्री किसानों का हाल जानने तक नहीं आए, जबकि वे दूसरे दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं। यही कारण है कि हम इसका विरोध कर रहे हैं। हंगामे के बाद SP राजेश दुग्गल और डिप्टी कमिश्नर श्याम लाल पूनिया भी मौके पर पहुँचे और प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने की अपील की।
#WATCH | Police use water cannon to disperse protesters who trespassed barricades ahead of Haryana Deputy CM Dushyant Chautala’s programme, in Jhajjar. “At a time when farmers’ crops have been damaged due to rains, Dy CM is coming here, instead of meeting them,”a protester says pic.twitter.com/NDHIuh0RRQ
— ANI (@ANI) October 1, 2021
डिप्टी कमिश्नर पूनिया ने अपील करते हुए कहा, “आप लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर सकते हैं। हम भी आपके बच्चे हैं और हम सरकारी ड्यूटी पर हैं। कृपया हमें अपना कर्तव्य निभाने से न रोकें। यह कार्यक्रम समाज के लिए काम करने वाले एक संगठन द्वारा आयोजित है। कृपया कार्यक्रम को बाधित किए बिना अपना विरोध दर्ज करें।”
“Fifteen people have been allowed to protest peacefully,” says Jhajjar DC Shyam Lal Poonia in view of protest against Deputy CM Dushyant Chautala’s programme in Jhajjar pic.twitter.com/xCbjCitMl2
— ANI (@ANI) October 1, 2021
पूनिया ने बताया कि सिर्फ पंद्रह लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकरी पहुँच गए थे। इससे पहले गुरुवार (सितंबर 30, 2021) को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा की खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 1 अक्टूबर से धान खरीद नहीं शुरू हुई तो भाजपा के एमएलए, एमपी के घर का इस तरह घेराव करेंगे कि उनके घर का कुत्ता भी बाहर नहीं निकल पाएगा।
गौरतलब है कि कथित किसान प्रदर्शनकारी इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की कई बैठकों और कार्यक्रमों को भी बाधित कर चुके हैं। बीते अगस्त में हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध कर रहे किसानों ने भिवानी में रोड जाम कर पुलिस पर जानलेवा हमला भी किया था।
वहीं जनवरी में करनाल जिले के कैमला गाँव में ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी। यहाँ पर सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों की एक बड़ी सभा को संबोधित करने वाले थे। सीएम ने इस तोड़फोड़ के पीछे कॉन्ग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी का हाथ होने का आरोप लगाया था।