हरियाणा के हिसार में एक कोविड अस्पताल का उद्धाटन करने पहुँचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का किसानों ने जमकर विरोध किया और उन्हें रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को किसानों ने तोड़ दिया। इसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियाँ भाँजी और आँसू गैस के गोले भी छोड़े। वहीं राकेश टिकैत ने भी बीजेपी को धमकी दी है।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसानों के घायल होने की खबर सामने आई है। घटना हिसार जिले के हांसी की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, कृषि कानून को लेकर गुस्साए किसान सीएम के आगमन से पहले से ही वहाँ पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के पहुँचते ही उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस घटना में डीएसपी अभिमन्यु लोहान के भी घायल होने की खबर है।
इस बीच सीएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से वापस जाने की अपील करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के प्रयासों को मजबूत करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने के बाद वे फिर से आंदोलन कर सकते हैं।
बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की माँग को लेकर नवंबर 2020 से हजारों किसान, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं।
टिकैत बोले आंदोलन खत्म नहीं होगा
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक टीवी इंटरव्यू में स्पष्ट कहा है कि आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक सरकार बातचीत नहीं करेगी। उन्होंने धमकी दी कि अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो यूपी में बीजेपी को हरवाएँगे।
बंगाल में भाजपा की हार में अपना योगदान बताते हुए टिकैत ने दावा किया कि यूपी में जो जिला पंचायत के चुनाव हुए हैं, उनमें 3000 से अधिक सीटें थी, जिसमें से 600 सीटें बीजेपी ने जीती हैं, उसमें भी 200 सीटों पर उसने बेइमानी की है, तो ये उसकी हार ही हुई न। इस बीच बता दें कि किसानों ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
भाकियू नेता ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का अगला मिशन यूपी उत्तराखंड है। जब उनसे किसानों की जान कोरोना के खतरे में डालने को लेकर पूछा गया तो टिकैत ने कहा, “मौत तो होगी। आंदोलन लड़ लेंगे तो कोरोना से लड़ेंगे। उससे सरकार और हम दोनों लड़ रहे हैं। अगर यहाँ से गए तो सरकार और कोरोना दोनों मारेंगे। बेहतर है एक से ही मरें।”