हाथरस मामले में पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील सीमा कुशवाहा ने मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की माँग की है। कुशवाहा ने सोमवार (अक्टूबर 12, 2020) को इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच में मामले की सुनवाई के दौरान यह माँग की।
पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के सामने अपनी तीन माँग रखी हैं। पहली यह कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए, दूसरी माँग में केस को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर कर दिया जाए और तीसरी माँग यह है कि पीड़ित परिवार को केस की सुनवाई पूरी होने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
The victim’s family has demanded that reports of CBI be kept cofidential. We had also prayed that the case be transferred out of UP. The third demand is that the family be provided security until the case completely concludes: Seema Kushwaha, lawyer of #Hathras victim’s family https://t.co/zh7SB1q16E pic.twitter.com/uDpUtJEiMR
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2020
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा, “हमने अदालत में अपना पक्ष प्रस्तुत किया। अदालत ने पीड़ित परिवार के साथ-साथ राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की।” उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले की अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाथरस गैंगरेप मामले की सुनवाई सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई थी। इस दौरान पीड़िता के परिजन अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।
The Court will give a decision. The next date of hearing is 2nd November, 2020: Aditional Advocate General VK Shahi, representing Uttar Pradesh government before Lucknow Bench of Allahabad High Court, in #Hathras case https://t.co/zh7SB1q16E pic.twitter.com/gRku23HlUa
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2020
बता दें कि अदालत की ओर से इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया था और संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया गया था। आज कोर्ट ने हाथरस गैंगरेप मामले में पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है, उस दिन परिजनों के बयान पर बहस होगी।
इससे पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के माता पिता समेत पाँच परिजन सोमवार सुबह 6 बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे और दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में यहाँ पहुँचे थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आला अधिकारियों को एक अक्टूबर को तलब किया था।
गौरतलब है कि 19 वर्षीय पीड़िता का उसके गाँव में 14 सितंबर को चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार और हमला किया गया था। हालाँकि, यूपी पुलिस ने बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के आरोपों से इंकार किया था और फोरेंसिक रिपोर्ट में भी यही बात सामने आई है।
मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) की सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत के बाद से हाथरस मामले को लेकर काफी बहस और राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा सकती हैं। हाथरस पुलिस ने कहा कि ‘जबरन यौन क्रिया’ की अभी तक भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हो पाई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने से मौत को मौत का कारण बताया गया था।