उत्तर प्रदेश में ‘भोले बाबा’ उर्फ़ ‘नारायण साकार हरि’ के आयोजन में 130 से भी अधिक श्रद्धालुओं की हुई मौतों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जिले में पहुँचे रहे हैं। घटना के अगले दिन बुधवार (3 जुलाई, 2024) को वो घटनास्थल का दौरा करेंगे और अस्पताल जाकर पीड़ितों से मिलेंगे। भगदड़ में हुई मौतों के बाद कई लाशें तो कई अधमरे लोगों को मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया। वहाँ तैनात 32 वर्षीय रवि कुमार इतनी लाशों और तड़पते लोगों को देख कर सदमे में आ गए और हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई।
इस हादसे की एक पीड़िता किशोरी ने बताया कि उसकी माँ घायल है, वो खुद मरते-मरते बची है। ज्योति ने बताया कि भीड़ काफी बढ़ गई थी, 3 घंटे तक सत्संग चला था। पंडाल से निकलने का रास्ता काफी संकरा था, ऐसे में लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। कई लोग बेहोश होकर जमीन पर गिरे हुए थे। हाथरस प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 05722227041 जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत व बचाव कार्य के संबंध में CM योगी आदित्यनाथ से बात की है, साथ ही इस घटना पर दुःख जताया है।
हाथरस में हुए इस सत्संग में न सिर्फ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, एटा, आगरा, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, कासगंज, बल्कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा जैसे आसपास के राज्यों से भी लोग पहुँचे हुए थे। पंडाल में उमस थी। जल्दी-जल्दी में श्रद्धालु बाहर निकलने लगे। SDM की तरफ से इस ‘प्राइवेट आयोजन’ की अनुमति दी गई थी। आसपास के जिलों से डॉक्टर बुलाए जा रहे हैं। कीचड़ से सनी चप्पलें और कपड़े इस हादसे की भयावहता बयाँ कर रहे हैं।
सिकंदराराऊ के अस्पताल में लोग अपनों की तलाश करते रहे। पुलिस ने आयोजकों की सूची और उनका विवरण भी जारी किया है। ‘भोले बाबा’ उर्फ़ ‘नारायण साकार हरि’ का असली नाम सूरजपाल है और वो एटा के बहादुर नगरी का रहने वाला है। फ़िलहाल वो फरार हो गया है और उसका फोन भी ऑफ आ रहा है। CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार घटना के तह तक जाएगी। गुलाबी ड्रेस में बाबा की अपनी ‘फ़ौज’ भी होती है जो ट्रैफिक देखती है, रामघाट रोड में ये आयोजन हुआ था।