राजस्थान का पुलिस महकमा एक बार फिर विवादों में है। ताजा मामला उदयपुर के प्रताप नगर थाने का है। इस बार एक हेड कॉन्स्टेबल ने अपने ही साथी जवानों पर मारपीट और अश्लीलता का आरोप लगाया है। आरोप के मुताबिक, हेड कॉन्स्टेबल के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उसके कपड़े उतार कर नंगा कर नचवाया भी गया। इस घटनाक्रम के दौरान जाति सूचक गालियाँ भी दी गईं। घटना बुधवार (3 नवंबर 2021) की है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने इस शर्मनाक हरकत को हेड कॉन्स्टेबल के घर पर अंजाम दिया। पीड़ित हेड कॉन्स्टेबल ने मामले में कॉन्स्टेबल हरि किशन, नंदकिशोर, कैलाश विश्नोई, हेड कॉन्स्टेबल जगदीश, कॉन्स्टेबल अचलाराम पर आरोप लगाया है। पीड़ित ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की, जिसके बाद 5 पुलिसकर्मियों को थाने से पुलिसलाइन में लगा दिया गया।
हेड कॉन्स्टेबल जब थाने में रिपोर्ट लिखवाने गया था, तब पुलिस के इन आरोपित जवानों ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया था। इसके बाद पीड़ित ने थाने के एसएचओ विवेक राव को इसके बारे में बताया। बताया जा रहा है कि राव ने भी इस पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया। उधर विवेक राव का कहना है कि उन्होंने जाँच के निर्देश दिए हैं।
शुरुआती जाँच में पुलिस को पता चला है कि पीड़ित हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल अचलाराम के बीच कुछ दिन पहले मामूली विवाद हुआ था। इधर हेड कॉन्स्टेबल के आरोपों पर पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्होंने मारपीट नहीं की। हेड कॉन्स्टेबल व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए झूठे आरोप लगा रहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस इससे पहले भी गलत कारणों की वजह से विवादों में रह चुकी है। पिछले दिनों राजस्थान के एक पुलिसकर्मी ने दलित महिला के घर में घुुसकर उसके साथ रेप किया था। महिला गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिसवाले ने कहा कि अगर वह कुछ बोलेगी तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा। बाद में घरवालों ने ही उस सिपाही को पकड़ कर पीटा और अस्पताल में भर्ती करने लायक हालत कर दी। आरोपित के ख़िलाफ़ एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, एक अन्य मामले में प्रेमी संग घर से भागी एक दलित युवती ने पुलिस पर छेड़खानी और पुलिस चौकी में रेप किए जाने का आरोप लगाया था।