पटियाला पुलिस ने 28 वर्षीय जगमीत सिंह, उसकी माँ 50 वर्षीय जसवीर कौर और उसके दोस्त 23 वर्षीय रविंदर सिंह को आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के तथाकथित ‘जनमत संग्रह 2020’ के लिए कथित रूप से प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर सोशल मीडिया पर सिखों से जनमत संग्रह के लिए वोट करने की अपील करने का आरोप लगाया गया है। जगमीत सिंह ने नवंबर 2020 में किसान विरोध के चेहरे के रूप में उस वक्त सुर्खियाँ बटोरी थीं, जब उन पर हरियाणा पुलिस की पानी की बौछार वाले वीडियो वायरल हुए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि तीनों के खिलाफ कोई पिछला मामला दर्ज नहीं है। जगमीत और उसकी माँ मूल रूप से गुरदासपुर के दुर्गापुर गाँव की रहने वाले हैं और फिलहाल वे बानूर की हाउसफेड सोसायटी में रह रहे हैं। उसका दोस्त रविंदर फतेहगढ़ साहिब के मंडी गोबिंदगढ़ के जसदा गाँव का रहने वाला है। ये तीनों पिछले कुछ समय से जनमत संग्रह के लिए प्रचार कर रहे हैं। तीनों को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस कैंपेन के लिए उन्हें विदेशों से भी धन मिला था या नहीं।
तीनों पर राजपुरा में लंगर के दौरान जनमत संग्रह के लिए प्रचार करने का आरोप है। इस लंगर का आयोजन माता गुजरी देवी और गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादत को याद करने के लिए किया गया था। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 505 (2), 505 (3), 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राजपुरा के डीएसपी जीएस बैंस ने कहा कि जगमीत वही व्यक्ति है, जिसका वीडियो पिछले साल किसान विरोध के दौरान वायरल हुआ था। उन्होंने कहा, “तीनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ के साथ मिलकर जनमत संग्रह के लिए कैंपेन कर रहे थे और जनमत संग्रह के लिए जनता को ऑनलाइन वोट देने के लिए भी प्रेरित कर रहे थे। जसवीर प्रमुख प्रचारक था। सभी आरोपियों के बैंक खातों की जाँच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उन्हें विदेशी फंडिंग तो नहीं मिली।”
पटियाला के एसएसपी एचएस भुल्लर ने कहा कि पुलिस ने तथाकथित जनमत संग्रह 2020 के लिए 692 फॉर्म और पर्चे, प्लास्टिक प्लेट, स्प्रे बोतल, पेन और अन्य प्रचार सामग्रियाँ बरामद की है। उन्होंने कहा, “जसवीर का देवर मंजीत सिंह ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल ग्रुप’ का एरिया कमांडर था, जबकि उसके पति कुलदीप सिंह चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग में सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे। रविंदर जगमीत का दोस्त है।”
दूसरी ओर, किसान नेताओं ने कहा कि किसान प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जगमीत को दंडित किया जा रहा है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एसएस पंढेर ने कहा, “अगर किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए जगमीत को दंडित किया गया तो हम इसका गंभीरता से संज्ञान लेंगे।”
25 नवंबर 2020 को जब प्रदर्शनकारी अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे तब हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। उस दौरान जगमीत वाटर कैनन के सामने खड़े थे और कई मिनटों तक सामने से नहीं हटे। जगमीत के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए और किसान आंदोलन के समर्थकों ने उन्हें ‘हीरो’ बताया।
किसान विरोध के दौरान सबूतों से पता चला कि इस आंदोलन को खालिस्तानी संगठनों, नक्सल समर्थकों और पेशेवर प्रदर्शनकारियों सहित भारत विरोधी ताकतों ने हाईजैक कर लिया था। खालिस्तानी आतंकवादी संगठन एसएफजे ने 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की थी। दिल्ली में दंगों के बीच सिख धर्म के पवित्र चिन्ह वाले दो झंडे फहराए गए थे।