कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) देश भर में फैलता जा रहा है और मुस्लिम कट्टरपंथी इसे सुनहरे मौके के रूप में ले रहे हैं। मुस्लिम छात्राओं के समर्थन में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की आलिया यूनिवर्सिटी द्वारा रैली निकाली जा रही। माहौल बिगाड़ने के लिए अल्लाह-हू-अकबर जैसे नारे लगाकर बहुसंख्यकों को उकसाने की भी कोशिश की जा रही है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने हिजाब के समर्थन में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। बुधवार (9 फरवरी) को प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय के डक प्वॉइंट से बाबा सैयद गेट तक जा रहे थे, लेकिन यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। यूनिवर्सिटी के छात्र नेता आरिफ त्यागी ने कहा कि हिजाब के समर्थन में 12 फरवरी को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
आरिफ धमकी वाले अंदाज में कहा कि इस प्रोटेस्ट की आवाज पूरे भारत और देश के बाहर भी आवाज जाएगी। आरिफ ने कहा, “अगर हमारे इस्लाम पर बात आएगी तो यकीनन हम जवाब देंगे चाहे ईट की जगह हमें पत्थर से जवाब देना पड़े। जरूरी हुआ तो हम ऐसा भी करेंगे।” इन लोगों का कहना है कि छात्राओं को क्लासरूम में हिजाब पहनने से रोक कर उनका अपमान किया गया और इससे उनका खून खौल रहा है।
वहीं, कोलकाता के आलिया यूनिवर्सिटी के लगभग 500 छात्र-छात्राओं ने हिजाब के समर्थन में पार्क सर्कस एरिया में प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों में शामिल अधिकतर छात्राओं ने हिजाब पहन रखा था। इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हिजाब इनके मजहब का हिस्सा है और भारत का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की अनुमति देता है। इनका आरोप है कि दक्षिणपंथी ताकतें चाहती हैं कि बिना हिजाब के वे मध्ययुग में वापस चली जाएँ।
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी में जनवरी में शुरू हुआ यह विवाद राज्य के कई हिस्सों में फैलते हुए दूसरे राज्यों में भी फैल गया है। कर्नाटक के शिमोगा में हिजाब के समर्थन में और हिजाब के विरोध में दो गुट आमने-सामने आ गए। बताया जा रहा है कि विरोध पर कुछ लोगों ने भगवा स्कार्फ पहने लोगों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पत्थरबाजी में दो लोगों के घायल होने की भी खबर है।
इस घटना के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इसके बाद स्कूल-कॉलेजों के इलाके में धारा 144 लगाते हुए शिक्षण संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है। वहीं, हिजाब के समर्थन में देश के विपक्षी दल और मुस्लिम नेता के अलावा तमाम विदेशी ताकतें भी समर्थन देकर भारत में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं।