Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजशिशु गृह में जिन बच्चों को बनाया मुस्लिम, शिव मंदिर में उनकी हुई घर...

शिशु गृह में जिन बच्चों को बनाया मुस्लिम, शिव मंदिर में उनकी हुई घर वापसी: पिता को सौंपे गए, कोविड लॉकडाउन में बिछड़ गए थे

हसीन परवेज के करतूतों की पोल तब खुली, जब राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस शिशु गृह की जाँच के लिए गए थे। उन्हें किसी के द्वारा मौखिक रूप से परवेज की हरकत की शिकायत मिली थी।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना काल के दौरान अपने माँ-बाप से बिछड़े तीन हिन्दू बच्चों का धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) कराकर मुस्लिम (Muslim) बनाने का मामला सामने आया था। तीनों बच्चे रायसेन के शिशु गृह में रह रहे थे।

इस शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyank Kanoongo) ने शिशु गृह का निरीक्षण किया था और कार्रवाई की बात कही थी। अब सुखद खबर यह है कि तीनों बच्चे सकुशल दमोह अपने घर पहुँच गए हैं। खुद प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

तीनों बच्‍चे बुधवार (16 नवंबर 2022) की रात दमोह पहुँचे। यहाँ मौजूद बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं ने शिव मंदिर में पूरे हिंदू रीति रिवाज से इन बच्चों की घर वापसी कराई। मालूम हो कि साल 2020 में कोरोना महामारी के समय में लॉकडाउन के दौरान भोपाल के मंडीदीप में गार्ड की नौकरी करने वाले पिता से तीनों बच्चे बिछड़ गए थे।

हिन्दू बच्चों के नाम बदलकर शाहरुख, सुहाना और रुखसाना रखें

यहाँ पर बच्‍चों के नाम बदलकर शाहरुख, सुहाना और रुखसाना रख दिए गए थे। इतना ही नहीं, इनके आधार कार्ड भी इसी नाम से बनवा दिए गए थे। बच्चे जब इस शिशु गृह में गए थे तो इनके हिंदू नाम थे। शिशु गृह में पहुँचते ही वहाँ के संचालक हसीन परवेज ने इन बच्चों के नाम बदल दिए।

परवेज की इस करतूत का संज्ञान शनिवार (12 नवंबर 2022) को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने लिया था और जिला प्रशासन को शिशु गृह संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, घटना गौहरगंज इलाके की है। तीनों बच्चे नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 4, 6 और 8 साल है। दमोह के ये बच्चे हिन्दू धर्म के OBC वर्ग से हैं। तीनों साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में मंडीदीप क्षेत्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे।

उस समय भोपाल बाल कल्याण समिति नाम की संस्था ने इन बच्चों को रायसेन बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया था। बाद में रायसेन बाल कल्याण समिति ने इन्हें गौहरगंज के शिशु गृह में भेज दिया था। इस वजह से ये भाई-बहन 3 साल से हसीन परवेज द्वारा चलाए जा रहे बाल शिशु गृह में रह रहे थे।

हसीन परवेज के करतूतों की पोल तब खुली, जब राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस शिशु गृह की जाँच के लिए गए थे। उन्हें किसी के द्वारा मौखिक रूप से परवेज की हरकत की शिकायत मिली थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

‘छिछोरे’ कन्हैया कुमार की ढाल बनी कॉन्ग्रेस, कहा- उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया: चुनावी सभा में देवेंद्र फडणवीस की पत्नी को लेकर की...

कन्हैया ने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा, "हम धर्म बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और डेप्युटी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील बना रही हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -