राजस्थान की कोटा (Kota, Rajasthan) पुलिस ने आगामी गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियाँ बनाने वालों को कुछ प्रतिबंधों के साथ दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों में प्रतिमाओं की ऊँचाई 3 फीट से अधिक नहीं होने की बात भी कही गई है। 4 अगस्त 2022 (गुरुवार) को भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि इन आदेशों का पालन नहीं करने वालों की मूर्तियाँ कर ली जाएँगी।
बताया जा रहा है कि यह आदेश कोटा शहर के थाना जवाहर नगर के SHO ने मूर्तिकार मृत्युंजय विश्वास को दिया है। इस आदेश के विषय में ‘POP (प्लास्टर ऑफ़ पेरिस) की प्रतिमाएँ न बनाने को कहा गया है। इससे मूर्तिकार परेशान हो गए हैं। उनकी कई प्रतिमाएँ पहले ही बन चुकी हैं, जिनकी ऊँचाई अधिक है।
नोटिस में आगे लिखा गया है, “गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और अनंत चतुर्दशी में बनी प्रतिमाओं का विसर्जन चंबल नदी और किशोर सागर तालाब में किया जाता है। इससे जल प्रदूषण होता है और जलीय जंतुओं को खतरा पैदा होता है। अगर कोई प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्ति बनाता पाया गया तो उसकी मूर्ति जब्त कर ली जाएगी।” नोटिस के अंत में मोटे-मोटे शब्दों में लिखा गया है कि मिट्टी की मूर्तियों की ऊँचाई 3 फीट से अधिक नहीं होगी।
#मुगल_शासन भी ऐसा ही होगा।
— Sujeet Swami️ (@shibbu87) August 5, 2022
“#गजानन 3 फुट से ज्यादा के न हो, जल प्रदूषित होता है।” @KotaPolice@PoliceRajasthan @PoliceRajasthan @IgpKota @ashokgehlot51 जी सिर्फ हिंदू त्यौहार से ही जल, वायु अग्नि,ध्वनि,भूमि पप्रदूषण होता है क्या?@PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/LRnjWjIuMD
ट्विटर यूजर सुजीत स्वामी ने अपने हैंडल shibbu87 से आदेश की कॉपी को शेयर किया है। सुजीत ने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री कार्यालय, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कोटा एवं राजस्थान पुलिस के तमाम अधिकारियों को टैग किया है।
सुजीत ने अपने ट्वीट में लिखा है, “मुगल शासन भी ऐसा ही होगा। गजानन 3 फुट से ज्यादा के न हों। जल प्रदूषित होता है। सिर्फ हिंदू त्योहार से ही जल, वायु, अग्नि, ध्वनि, भूमि, प्रदूषण होता है क्या?”
दैनिक भास्कर के मुताबिक, प्रशासन द्वारा ये नोटिस कड़े निर्देश के साथ कई मूर्तिकारों को भेजी गई हैं। मूर्ति बनाने वालों को इस आदेश से काफी परेशानी हो रही है और वो मूर्तियों की ऊँचाई पर लगे प्रतिबंध को हटाने की माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सैकड़ों मूर्तियाँ पहले ही बनाई जा चुकी हैं।
ऑपइंडिया ने इस नोटिस की पुष्टि के लिए कोटा शहर के जवाहर नगर थाने के SHO से बात की। उन्होंने नोटिस भेजना स्वीकार करते हुए कहा, “ये आदेश अकेले मैंने नहीं दिया। ये आदेश मुझे मेरे वरिष्ठों ने दिया है, जिसका मैं अपने क्षेत्र में पालन करवा रहा हूँ।”