अखिल भारत हिंदू महासभा ने मथुरा के शाही ईदगाह परिसर को सील करने की मॉंग की है। ऐसा नहीं होने पर परिसर में हनुमान चालीसा पाठ की चेतावनी दी है। महासभा ने कहा है कि अदालत से भी इसकी अपील की गई है। लेकिन इस संबंध में अभी निर्देश नहीं आया है। अब हम प्रशासन से भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले परिसर को सील करने की मॉंग कर रहे हैं।
महासभा की अध्यक्ष राजश्री चौधरी बोस ने गुरुवार (14 जुलाई 2022) कहा, “17 अगस्त तक विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को सील कर दिया जाए। उसके अंदर किसी भी धर्म के लोगों को जाने की अनुमति नहीं दी जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो 6 दिसंबर को परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।” उल्लेखनीय है कि राजश्री महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री हैं।
राजश्री चौधरी ने पूरे परिसर पर हिंदू महासभा का अधिकार बताया। मथुरा में 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर सिविल कोर्ट में मामला चल रहा है। इसमें से 11 एकड़ भूमि मंदिर के पास है और बाकी शाही ईदगाह मस्जिद के पास। हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस स्थान पर शाही ईदगाह है, उसी स्थान पर भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि है। इसको लेकर अदालत में भी याचिकाएँ दायर की गई हैं। इस साल मई में उत्तर प्रदेश के शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर गर्भगृह होने का दावा किया गया था। दिनेश कौशिक ने याचिका दायर कर शाही ईदगाह के शुद्धिकरण की माँग भी की थी।
अपनी याचिका में उन्होंने शाही ईदगाह में गर्भगृह होने के दावे के साथ भगवान लड्डू गोपाल के अभिषेक की अनुमति भी माँगी थी। इससे पहले 26 फरवरी 2021 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की ही अदालत में वादी ने अपने वकील दीपक शर्मा के माध्यम से शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन पर बना हुआ बताते हुए इसे हटाने की माँग की थी। दिनेश ने अपनी याचिका में यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया है।