वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे (Varanasi Gyanvapi Controversial Structure) के मंदिर होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद कर्नाटक (Kanataka) में इस्लामी शासक टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) द्वारा बनवाई गई मस्जिद में पूजा-अर्चना करने की अनुमति हिंदू संगठनों ने माँगी है। इन संगठनों का कहना है कि विजयनगर साम्राज्य के श्रीरंगपट्टन किले (Srirangapatna Fort) में मौजूद जामिया मस्जिद (Jamia Masjid), जिसे मस्जिद अल-्अला (Masjid Al-Ala) भी कहा जाता है, एक हनुमान मंदिर है। इसकी दीवारों और खंभों से यह स्पष्ट है।
नरेंद्र मोदी विचार मंच के नेताओं का कहना है कि प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु से 120 किलोमीटर दूर श्रीरंगपट्टन के किले में स्थित पूजा-अर्चना की माँग को लेकर मांड्या जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इसमें पूजा करने और परिसर में स्थित तालाब में स्नान करने की अनुमति माँगी है। मंच के राज्य सचिव सीटी मंजूनाथ ने कहा कि यह हनुमान मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।
#Tippu Masjid also referred as Jamia Masjid in #Srirangapattana was built on #Hanuman Temple. It should be handed over to #Hindus-Narendra Modi Vichar Manch has given memo 2 #Mandya DC about this. Masjid authorities have asked for protection. #Karnataka pic.twitter.com/GIpXTWViBL
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) May 15, 2022
संगठन के लोगों का दावा है कि इस हनुमान मंदिर का नाम आंजनेय मंदिर था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस बात के ऐतिहासिक प्रमाण मौजूद हैं कि विजयनगर साम्राज्य पर कब्जा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में बदलने को लेकर टीपू सुल्तान ने फारस के राजा खलीफ को पत्र लिखा था। संगठन के लोगों ने पुरातत्व विभाग (ASI) से आग्रह किया कि वह इन दस्तावेजों पर विचार कर मामले की जाँच करे। बता दें कि यह किला इसकी इमारतें ASI के अधीन हैं।
वहीं, काली मठ के ऋषि कुमार स्वामी नाम के एक व्यक्ति का दावा है कि साल 1784 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान द्वारा मस्जिद का निर्माण कराया था। उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए मस्जिद में शिलालेख मौजूद है। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य का प्रतीक है। बता दें कि मस्जिद गिराने की धमकी के आरोप में स्वामी गिरफ्तार भी हो चुके हैं। फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं। वहीं, पूजा की इजाजत माँगने के बाद मस्जिद कमिटी ने सुरक्षा की माँग की है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कर्नाटक के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने दावा किया था कि मुस्लिम नेताओं ने भी स्वीकार किया है कि मस्जिद से पहले वहाँ एक मंदिर था और मुगल शासन के दौरान लगभग 36,000 मंदिरों को तोड़ा या क्षतिग्रस्त किया गया था। उन्होंने कहा था, “हम बिना कोई परेशानी पैदा किए सुप्रीम कोर्ट के नियम के मुताबिक सभी मंदिरों को दोबारा हासिल करेंगे।”