शनिवार (जून 22, 2019) को बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीछे मानव कंकाल मिले थे। अस्पताल के पिछले हिस्से में जंगल में एक बोरे में करीब 100 नर कंकाल के अवशेष मिले। इन्सेफलाइटिस के चलते हुई मौतों से अस्पताल प्रशासन पहले ही सवालों के घेरे में है, वहीं दूसरी ओर बोरे में कंकाल मिलने की खबर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। बिहार स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल के पीछे मानव कंकाल मिलने के मामले की जाँच का आदेश जारी किया और मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी (डीएम) आलोक रंजन घोष ने अस्पताल प्रशासन से इस मामले में रिपोर्ट माँगी।
Bihar: Muzaffarpur DM Alok Ranjan Ghosh seeks report from administration & concerned departments in connection with the finding of human skeletal remains behind Sri Krishna Medical College & Hospital (SKMCH), where 108 people have died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES). pic.twitter.com/FWWrNLKxxk
— ANI (@ANI) June 22, 2019
ताजा खबर के अनुसार, ये बात सामने आई है कि यहाँ पर लावारिस शवों को जलाया जाता है और ये नर कंकाल उन्हीं लावारिस शवों के हैं जिनपर दावा करने कोई नहीं आया। डीएम आलोक रंजन का कहना है कि इन शवों को अस्पताल प्रशासन की तरफ से सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जलाया गया और साथ ही उन्होंने इस दावे को भी खारिज किया कि इनमें चमकी बुखार से मरने वालों के शव भी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक, अज्ञात शवों को 72 घंटे तक रखने के बाद नजदीक के पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करना होता है और इस संबंध में एक रिपोर्ट फाइल करनी होती है। रिपोर्ट फाइल होने के बाद 72 घंटे बाद तक शव को पोस्टमॉर्टम रूम में ही रखना होता है। इस दौरान अगर परिवार का कोई सदस्य शव की पहचान के लिए नहीं आता है तो पोस्टमॉर्टम विभाग की ड्यूटी है कि इसका दाह संस्कार किया जाए या फिर दफनाया जाए। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन अस्पताल को 2000 रुपए भी देता है।
Muzaffarpur: Senior Resident Doctor of Sri Krishna Medical College and Hospital (SKMCH), Dr Bhimsen Kumar, has been suspended for negligence of duty. The Health Department had deployed the Patna Medical College and Hospital (PMCH) pediatrician at SKMCH on 19 June. #Bihar
— ANI (@ANI) June 23, 2019
इसके साथ ही आलोक रंजन ने ये भी कहा कि इस अस्पताल के पीछे अज्ञात शवों को फेंकने की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। उन्होंने बताया कि अस्पाल के बिल्कुल पास में शवदाह गृह होने से गलतफहमी हो जाती है। इसलिए अब प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से शवदाह गृह को दादर घाट शिफ्ट करने का फैसला किया है। डीएम ने ये भी बताया कि यहाँ पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों और मुस्लिमों के शवों को दफनाया जाता है, जबकि हिंदुओं के शवों को जलाया जाता है और उनका कहना है कि, चूँकि इस मामले में शव हिंदुओं के थे इसलिए उन्हें जलाया गया था।
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 129 in Muzaffarpur. 109 deaths at SKMCH & 20 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/kFzxxSxwS9
— ANI (@ANI) June 23, 2019
वहीं, श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर का नाम डॉ भीमसेन कुमार है। बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग ने 19 जून को एसकेएमसीएच में पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के बाल रोग विशेषज्ञ को तैनाती की गई थी। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब तक 129 बच्चों की मौत हो चुकी है। जिसमें से 109 बच्चों ने एसकेएमसीएच में, जबकि 20 बच्चों ने केजरीवाल हॉस्पीटल में दम तोड़ा।