मध्य प्रदेश में एक सरपंच के पति की हत्या से सनसनी मच गई है। विदिशा के लटेरी स्थित मुरवास पंचायत की सरपंच आशा देवी के पति संतराम वाल्मीकि धौलपुरिया (पिता सुंदरलाल) की वन माफिया ने गुरुवार (मार्च 18, 2021) को दोपहर में ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा ने पुलिस पर भी कोई मदद न करने का आरोप लगाया है। संतराम सड़क पर तड़प रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की।
विधायक का आरोप है कि पुलिस मौके पर मृतक को बचाने की बजाए आरोपित को बचाने में लगी हुई थी। विधायक ने वहाँ पहुँच कर आक्रोशित लोगों के साथ मुरवास थाने का घेराव भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की गई है। उन्होंने बताया कि तलवारों और बंदूकों के साथ चश्मदीदों को धमकाया गया। गवाही देने पर लोगों को हत्या की धमकी दी गई।
लटेरी के SDM ने घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए धारा-144 लागू कर दिया है। जब ये घटना हुई, तब संतराम पंचायत भवन से भैरो चौक की तरफ जा रहे थे। दोपहर के दो बजे ब्लेड लगे ट्रैक्टर को चलाते हुए फ़क़ीर मोहम्मद का पुत्र रिजवान उधर से आया। उसके साथ उसके 3 साथी भी थे। उनलोगों ने ट्रैक्टर से बाइक को टक्कर मार दी। वो तब तक ट्रैक्टर को चलाते रहे, जब तक उन्हें लगा कि संतराम ने दम तोड़ दिया है।
Madhya Pradesh: A man, husband of the sarpanch of Murwas village in Vidisha, was crushed to death under a tractor in broad daylight on Friday, days after he lodged a complaint against encroachment of forest land. “FIR has been registered against six people,” a policeman said.
— ANI (@ANI) March 19, 2021
घटनास्थल पर ही संतराम की मौत हो गई। विदिशा के उसी गाँव का रहने वाले फ़क़ीर मोहम्मद वन माफिया है, जिस पर सरपंच के पति संतराम की हत्या करवाने का आरोप लगा है। सरपंच ने उसके और उसके पुत्र इरफ़ान के अलावा रिजवान, उमर, फारूक के अलावा हीरो इरफान पुत्र जहूर खान और सईद खान के बेटे शकील के खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि फ़कीर मोहम्मद ने परिजनों के साथ मिल कर वन विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन का अतिक्रमण कर लिया है।
इस बात की शिकायत सितंबर 10, 2020 को डीएम पंकज जैन से की गई थी। इसके बाद DM ने SDM को पत्र लिख जाँच के लिए कहा था। तभी से फ़क़ीर मोहम्मद ने संतराम के साथ रंजिश पाल रखी थी। फ़क़ीर का बेटा उमर वन विकास निगम में चौकीदार है और उसकी वन विभाग में अच्छी-खासी पैठ है। संतराम ने आरोप लगाया कि रेंजर संतोष दुबे और नाकेदार पंकज सहित कुछ लोग फ़क़ीर मोहम्मद को सभी चीजों की जानकारी दे देते थे।
वन माफिया की शिकायत करना दलित सरपंच को महंगा पड़ा, सरपंच की हत्या की
— VSK BHARAT (@editorvskbharat) March 19, 2021
वन माफिया से सरकारी जमीन को बचाने का प्रयास दलित सरपंच को भारी पड़ गया. विदिशा की लटेरी तह. के अंतर्गत मुरवास गांव में वन माफिया ने दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले संतराम बाल्मीकि की…https://t.co/pMs1CVkZRQ pic.twitter.com/rmmnW4dYAw
DM ने वन विकास निगम के डिवीजनल मैनेजर आदर्श श्रीवास्तव को जनवरी 28, 2021 को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था। 9 मार्च को डिविजनल मैनेजर ने कार्रवाई हेतु अधिकारियों को पत्र जारी किया। इसके बाद मार्च 16 को जाँच के लिए टीम गठित की गई थी। थाना प्रभारी अनिरुद्ध पांडेय ने आरोपितों को बचाने की बात पर कहा कि थाने से घटनास्थल की दूरी 400 मीटर है, वो सिर्फ उसे पकड़ कर ले गए।
विदिशा के एसपी विनायक शर्मा ने कहा कि इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में न्याय की माँग करते हुए धरना दिया हुआ है। उनका पूछना है कि जिसने वन विभाग की भूमि पर कब्ज़ा किया, उसे ही चौकीदारी क्यों सौंपी गई? सरपंच संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रघुवंशी ने परिवार को आर्थिक मदद दिलाने और वाल्मीकि महापंचायत के युवा विंग प्रदेश महामंत्री रोहित घेंघट ने परिवार को न्याय दिलाने की माँग की।