हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही ने कोरोना मरीज की जान ले ली। मरीज ने मरने से पहले एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि साँस की दिक्कत होने के बावजूद उन्हें वेंटीलेटर से हटाया गया और काफी मिन्नतें करने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन सिस्टम पर नहीं रखा गया।
पूरा मामला हैदराबाद के चेस्ट अस्पताल का है। यहाँ कुछ दिनों पहले कोरोना के लक्षणों वाले 35 साल के रवि कुमार को भर्ती करवाया गया था। मगर, शुक्रवार को साँस न ले पाने के कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने मौत से 3 घंटे पहले एक वीडियो बनाई। वीडियो में उन्होंने अपने परिवार वालों को बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया है।
इस वीडियो में रवि ने कहा, “डैडी, मैं साँस नहीं ले पा रहा हूँ। मुझे वेंटिलेटर से हटा दिया गया। ऑक्सीजन भी निकाल दिया है। ऐसा लग रहा है, मेरी साँसें रुक रही हैं। बाय पापा बाय।”
रवि की इसी आखिरी वीडियो को सोशल मीडिया पर अब जमकर शेयर किया जा रहा है। साथ ही परिवार के आरोपों के आधार पर तेलंगाना सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवि के पिता कहते हैं, “मेरा बेटा मदद माँगता रहा, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। मैंने उसकी वीडियो भी पूरा क्रियाक्रम होने के बाद देखी। उसमें वो बाय डैली बोल रहा था। मेरे बेटे के साथ जो भी हुआ, वो किसी के बच्चे के साथ न हो। मेरे लड़के को ऑक्सीजन देने से क्यों मना किया गया? क्या किसी को बहुत ज्यादा जरूरत थी, जो उसके पास से ऑक्सीजन हटाई गई? जब मैंने वीडियो सुनी, मेरा दिल टूट गया।”
रवि के पिता की मानें तो उनके बेटे को इस महीने की 24 तारीख को बुखार आया था। वे उन्हें लेकर 11 अस्पतालों में घूमते रहे पर किसी अस्पताल ने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार किसी तरह उन्हें एर्रागड्डा के चेस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि दो दिन बाद 26 जून को उनके बेटे का लगा हुआ वेंटिलेटर हटा दिया गया और इसके बाद ही उनके बेटे की मौत हो गई।
यहाँ बता दें कि रवि का दाह संस्कार उसकी मृत्यु वाले दिन ही किया गया था। ऐसे में उनके घरवालों का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें यह जानकारी नहीं दी कि रवि कोरोना पॉजिटिव थे। उन्हें इस संबंध में अगले दिन पता चला।
रवि के पिता कहते हैं, “हमें जाँच रिपोर्ट देर से मिली। अस्पताल ने बस हमें शव दे दिया। अब हम सब पर कोरोना का खतरा है। लेकिन कोई भी हमारी जाँच नहीं कर रहा। मेरे बेटे के 2 बच्चे हैं। जिन्हें अभी तक ये नहीं पता कि उनके पिता का देहांत हो चुका है। मैं क्या करूँ?”
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ रवि की आखिरी वीडियो के आधार पर उनके परिजन प्रशासन पर लगातार आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अस्पताल ने इन आरोपों का खंडन किया है। अस्पताल का कहना है कि मरीज जब अस्पताल में भर्ती हुआ था, तभी उसकी तबीयत बहुत खराब थी। हमने उसे ऑक्सीजन पर ही रखा था। लेकिन कोरोना वायरस हृदय को प्रभावित करता है। युवक के मामले में भी यही हुआ है।