Tuesday, November 19, 2024
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प्यार में इस्लाम कबूलने को भी तैयार था नागराजू, पति की जान बचाने को अशरीन दूसरी निकाह के लिए भी थी राजी: फिर छलावा ही निकला जय भीम-जय मीम

"मेरी नाराज माँ को मनाने के लिए नागराजू इस्लाम कबूलने को भी तैयार थे, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।"

हैदराबाद में 4 मई 2022 को 25 साल के दलित युवक नागराजू (Nagaraju) की हत्या कर दी गई। वजह उसने 23 साल की मुस्लिम युवती सैयद अशरीन सुल्ताना (Syed Ashreen Sultana) से शादी की थी। सरेआम नागराजू की हत्या करने वाले अशरीन के भाई और उसके रिश्तेदार थे। सोशल मीडिया पर भले #JusticeForNagaraju ट्रेंड कर रहा हो, लेकिन अपने राजनीतिक हितों के लिए ‘जय भीम-जय मीम’ का नारा बुलंद करने वालों ने खामोशी ओढ़ ली है।

5 साल से प्यार में थे नागराजू और अशरीन

नागराजू और अशरीन सुल्ताना 5 साल प्यार में थे। दलित समूह के माला बिरादरी से आने वाले नागराजू और मुस्लिमों की उच्च बिरादरी सैयद समुदाय से ताल्लुक रखने वाली अशरीन ने एक साथ ही स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की थी। पुलिस के मुताबिक, “30 जनवरी 2022 को अशरीन अपना मोबाइल फोन घर में छोड़ कर चली गई थी। अगले दिन दोनों ने हैदराबाद के ही आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। 1 फरवरी को उसके परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।”

मुस्लिम बनने को तैयार था नागराजू

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नागराजू और अशरीन के रिश्ते से दोनों परिवार नाखुश थे। दोनों ने अपने परिवार वालों को शादी के लिए समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। परिवार वालों के विरोध के बाद भी दोनों ने एक साथ जीने-मरने की कसम खाई। अशरीन सुल्ताना का कहना है कि उसने अपने घर में मिल रही धमकियों को देखते हुए नागराजू को कहीं और शादी करने की सलाह भी दी थी, लेकिन वो नहीं माना। उसने बताया, “मेरी नाराज माँ को मनाने के लिए नागराजू इस्लाम कबूलने को भी तैयार थे, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।”

अम्मी कहती थी- तेरा भाई नागराजू को मार डालेगा

बतौर अशरीन सुल्ताना, “जब मेरे भाई मोबिन को मेरे और नागाराजू के रिश्ते की जानकारी हुई तब उसने मुझे मारने की कोशिश की। उसने 2 बार मुझे फाँसी पर लटकाने का प्रयास किया। इस दौरान मेरी माँ भी मुझसे कहती रही कि तुम्हारा भाई नागराजू को मार डालेगा।”

आर्य समाज मंदिर में शादी

अशरीन सुल्ताना के अनुसार, “जब हम घर वालों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाए तब मैं 30 जनवरी 2022 को अपने घर से चली गई। मैं अपना सिम घर पर ही छोड़कर गई थी। बाद में हमने नई सिम ले ली जिससे हमारे परिवार वाले सम्पर्क न कर पाएँ। घर से जाने के बाद हमने 1 फरवरी को पुराने हैदराबाद के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। बाद में हम दोनों अलग घर लेकर रहने लगे थे।” शादी के बाद अशरीन सुल्ताना ने अपना नाम पल्लवी रख लिए। बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही अशरीन के रिश्तेदार नागराजू की तलाश कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक अशरीन के घर से चले जाने के बाद उनके परिवार वालों ने बालानगर थाने में 1 फरवरी को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने बुला कर दोनों के कागजात चेक किए तो दोनों बालिग पाए गए। इसलिए इस मामले में कोई कानूनी बाधा नहीं थी। पुलिस ने दोनों परिवारों को भी समझाया था कि वो इस शादी को स्वीकार करें।

पुलिस से लगाई थी सुरक्षा की गुहार

अशरीन सुल्ताना ने कहा, “शादी के बाद हम धमकियों से परेशान थे। हम सीधे जिले के पुलिस अधीक्षक के पास गए। वहाँ हमने खुद को मिल रही धमकियों के बारे में पुलिस को बताया था। हमने एक बॉन्ड पर दस्तखत भी किए थे।” पुलिस के मुताबिक आरोपित नागराजू को 1 महीने से तलाश रहे थे। घर की रेकी के दौरान उन्हें कुछ नहीं मिला तो वो सब उसके ऑफिस मारूति शो रूम तक पहुँच गए। वहाँ से उन्होंने नागराजू की जानकारियाँ जुटाईं और मौके की तलाश करने लगे। मोबिन ने इससे पहले भी 1-2 बार नागराजू को मारने का प्रयास किया था, लेकिन वो चूक गया था। इस हमले में गिरफ्तार दूसरा आरोपित मोहम्मद 29 वर्षीय मसूद अहमद रंगारेड्डी जिले के तारानगर का रहने वाला है। वह कार मकैनिक है। घटना के दिन इन्होने अपने साथियों के साथ मिल कर पहले नागाराजू के सिर पर रॉड से वार किया। बाद में धारदार हथियार से मौत हो जाने तक मृतक पर वार करते रहे।

इस घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि हमले के दौरान अशरीन ने अपने पति को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नाकामयाब रही। साथ ही मदद की गुहार के बाद भी किसी ने उसकी सहायता नहीं की। अशरीन के मुताबिक, “जब मेरे पति नागाराजू को मेरी आँखों के आगे मारा जा रहा था तब मैंने हमलावरों के आगे उनकी मर्जी से निकाह करने की भी मिन्नत की। लेकिन उनकी संख्या बहुत अधिक थी। वो मेरी एक नहीं सुने और मेरे पति को पीटते रहे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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