ट्रेनिंग के दौरान ही VIP सुविधाओं के लिए नखरा करने वाली IAS पूजा खेडकर की करस्तानियों का उनके पिता दिलीप खेडकर ने बचाव किया है। दिलीप ने कहा कि उनकी बेटी को बेवजह परेशान किया जा रहा है। वहीं, जिस निजी ऑडी गाड़ी पर लालबत्ती लगाकर पूजा चला करती थीं, उसे पुणे पुलिस ने सीज कर लिया है। इसके अलावा, लाइसेंसी रिवॉल्वर का गलत इस्तेमाल करने पर पुलिस ने पूजा की माँ मनोरमा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इंडिया टुडे टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में दिलीप खेडकर ने अपनी बेटी का पक्ष लिया। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। क्या एक महिला के लिए बैठने के लिए जगह माँगना गलत है? मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इसकी जाँच के लिए एक समिति नियुक्त की गई है। मेरा मानना है कि कोई जानबूझकर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है।”
जब उनसे पूछा गया कि वह कौन है जिसके बारे में उन्हें लगता है कि यह विवाद पैदा हो रहा है तो दिलीप ने किसी का नाम बताने से इनकार कर दिया। पूजा ने अपनी विकलांगता जाँच के लिए दिल्ली के एम्स में क्यों उपस्थित नहीं हुईं, इस सवाल पर दिलीप ने कहा, “यूपीएससी के सख्त नियम हैं, जिसमें अस्पताल में 20-25 लोगों का मेडिकल बोर्ड शामिल होता है, जिससे फर्जी दस्तावेज जमा करना असंभव हो जाता है।”
पूजा खेडकर ने क्रीमी लेयर श्रेणी के तहत आवेदन किया था या नहीं, इस बारे में पूछे जाने पर दिलीप खेडकर ने कहा, “हम समिति के समक्ष अपना मामला प्रस्तुत करेंगे। कानूनी कार्यवाही चल रही है। इसलिए इस पर और टिप्पणी करना अनुचित होगा। सब कुछ नियमों के अनुसार किया गया था। कोई गलत काम नहीं हुआ है।”
पूजा की लालबत्ती वाली ऑडी सीज
पूजा खेडकर जिस ऑडी गाड़ी से पुणे कलेक्ट्रेट जाती थीं, उसे पुलिस ने सीज कर दिया है। खेडकर परिवार के ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिस स्टेशन जाकर ऑडी की चाबी पुलिस को सौंप दी। पुलिस का कहना है कि खेडकर परिवार ने अभी तक गाड़ी के कागजात नहीं सौंपे हैं।
पूजा खेडकर इसी निजी ऑडी कार का प्रयोग करती थीं। इस पर लाल-नीली बत्ती लगी हुई थी। इसके साथ ही इस पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ भी लिखा हुआ था। ट्रेनी IAS द्वारा गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाने और ‘महाराष्ट्र सरकार’ लिखने पर विवाद हो गया था। इसके बाद पुणे ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था।
किसानों पर रिवॉल्वर लहराने पर पूजा की माँ को नोटिस
पूजा खेडकर की माँ मनोरमा खेडकर को लाइसेंसी रिवॉल्वर के दुरुपयोग के लिए पुणे पुलिस ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मनोरमा खेडकर अहमदनगर के भालगाँव की सरपंच भी हैं। उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह हाथ में रिवॉल्वर लेकर किसानों को धमकाती हुई दिख रही थीं। पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है।
इस संंबंध में पुलिस नोटिस देने के लिए उनके घर गई थी, लेकिन नोटिस लेने के लिए वहाँ कोई उपलब्ध नहीं था। इसके बाद नोटिस को उनके आवास पर चिपका दिया गया। नोटिस में कहा गया है कि मनोरमा खेडकर बताएँ कि उनकी बंदूक का लाइसेंस क्यों रद्द नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें 10 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
पूजा के माता-पिता के खिलाफ मुकदमा
किसानों को पिस्टल लेकर धमकाती हुई पूजा की माँ का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है। इसके बाद उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मनोरमा खेडकर पर मुलशी में जमीन कब्जाने का आरोप है। वीडियो में मनोरमा खेडकर को किसानों को धमकाते हुए देखा गया था। यह मामला लगभग एक वर्ष पुराना है।
किसानों का कहना है कि कई बार शिकायत दर्ज कराने की कोशिशें कीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें लौटा दिया था। पूजा के नाम पर 22 करोड़ रुपए की जमीन और 2 फ्लैट्स दर्ज हैं। 24 वर्षीय पूजा खेडकर का UPSC में 841 रैंक आया था। उनके पिता दिलीप IAS से रिटायर्ड हैं। कहा जा रहा है कि उनके पास लगभग 110 एकड़ जमीन है।
पुणे ग्रामीण पुलिस ने पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर और माँ मनोरमा खेडकर सहित 7 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504 और 506 के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इस तरह जाँच के दायरे में पूजा सहित उनके माता-पिता भी आ गए हैं।
पूजा खेडकर के खिलाफ जाँच
दरअसल, पूजा ने खुद को दिव्यांग और OBC बताकर UPSC परीक्षा दी थी। अब केंद्र सरकार इस मामले की जाँच करेगी। केंद्र सरकार ने एक अधिकारी को इसकी जाँच सौंप दी है। अगर गलत तथ्य पेश करने का आरोप सही पाया जाता है तो उन पर कार्रवाई होगी। ‘डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एन्ड ट्रेनिंग (DoPT)’ के एडिशन सेक्रेटरी मनोज द्विवेदी इस मामले की जाँच करेंगे।
दस्तावेजों की जाँच तक इसकी सत्यता की पुष्टि की जाएगी। जिस अथॉरिटी ने उन्हें दस्तावेज दिए हैं, पता लगाया जाएगा कि उसने बारीकी से जाँच की थी या नहीं। साथ ही पूजा खेडकर AIIMS में मेडिकल टेस्ट के लिए क्यों नहीं उपस्थित हुईं, इसे भी खँगाला जा रहा है। इससे न सिर्फ उनकी नौकरी जा सकती है, बल्कि धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया जा सकता है।