IIT दिल्ली ने नई COVID-19 टेस्ट किट ‘कोरोस्योर’ (Corosure) लॉन्च किया है। इंस्टीट्यूट का दावा है कि यह दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना जाँच किट है। बुधवार (जुलाई 15, 2020) को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य मंत्री (HRD) संजय धोत्रे इसे लॉन्च भी कर दिया है।
COVID-19: आ गई दुनिया की सबसे सस्ती जांच किट
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) July 16, 2020
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IIT अधिकारियों के अनुसार, इस RT-PCR टेस्ट किट का बेस प्राइस 399 रुपए है। आइसोलेशन और लैबोरेटरी चार्ज जोड़ देने के बाद भी प्रति टेस्ट कॉस्ट 650 रुपए तक हो जाएगी। ये किट अधिकृत परीक्षण प्रयोगशालाओं में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा।
Union Human Resource Development Minister, Shri Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ e-launched the World’s most affordable RT-PCR based COVID-19 diagnostic kit developed by IIT Delhi through video conferencing. MoS for HRD Shri Sanjay Dhotre was also present on the occasion. pic.twitter.com/OIvWad21oD
— IIT Delhi (@iitdelhi) July 15, 2020
कोरोस्योर किट की कीमत वर्तमान में मार्केट में मौजूद किट्स की कीमत की तुलना में कम ही रहेगी। IIT दिल्ली का यह COVID-19 टेस्ट किट 3 घंटे के अंदर रिजल्ट दे सकता है।
आईआईटी दिल्ली देश का पहला ऐसा शिक्षण संस्थान है, जिसकी टेस्टिंग किट उपयोग में लाई जाएगी। कुसुम स्कूल ऑफ बॉयोलोजिकल साइंसेज की लैब में इस तकनीक को विकसित किया गया है।
आईआईटी दिल्ली ने कंपनियों को जाँच किट का व्यवसाय करने के लिए गैर-विशिष्ट मुक्त लाइसेंस दिए हैं। कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस इसको बाज़ार में लेकर आएगी और उसकी कीमत तय करेगी।
HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कोरोश्योर टेस्ट किट के लॉन्च के अवसर पर कहा कि ‘कोरोस्योर किट’ को पूरी तरह से भारत में बनाया गया है और यह अन्य किट्स के मुकाबले सस्ता है।
उन्होंने कहा कि देश को सस्ती और विश्वसनीय टेस्टिंग की जरूरत है, जो महामारी को नियंत्रित करने में मदद कर सके। इस किट को उच्चतम स्कोर के साथ ICMR और हाई सेंसिटिविटी व स्पेसिफिसिटी के साथ DCGI की मंजूरी मिल चुकी है।
आईआईटी दिल्ली की प्रॉब फ्री आरटी पीसीआर ( PROBE Free RT- PCR) तकनीक का उपयोग करके अब प्रति माह लगभग 20 लाख टेस्ट बेहद सस्ती कीमत पर हो सकेंगे, जो बढ़ाकर 50 लाख तक दर दिए जाएँगे।
आरटी-पीसीआर में इस बात की जाँच की जाती है कि शरीर में कोरोना वायरस मौजूद है या नहीं? इसके लिए व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, थ्रोट स्वैब या नाक के पीछे वाले गले के हिस्से से सैंपल लिया जाता है। इसके नतीजे आने में औसतन 24 घंटे का वक्त लगता है।