बाढ़ से बेहाल बिहार के दरभंगा जिले के धधिया गॉंव के लोगों के पास न तो पीने का पानी है और न खाना। मवेशियों को चारा तक मयस्सर नहीं है। संकट की इस घड़ी में भी गॉंव वाले एक-दूसरे का सहारा बने हुए हैं और उनकी जिद्द है कि इस संकट से लड़ेंगे भी साथ-साथ और यदि मरने की नौबत आई तो वो भी साथ-साथ।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बाढ़ के पानी में गॉंव के डूबने के बाद यहॉं के निवासी अपने मवेशियों के साथ एक ही जगह पर रह रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया, “यदि मौत आई तो हम साथ-साथ मरेंगे। हमने अपने मवेशियों को साड़ी से बनाए एक शेड के नीचे रखा है। यहॉं हालात बेहद खराब हैं और हम सरकारी मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों का घर बाढ़ लील चुका है। हमारे पास न खाना है और न मवेशियों के लिए चारा।”
रिपोर्ट में ग्रामीणों के हवाले से बताया है कि अब तक उन्हें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। बाढ़ से कम से कम नुकसान हो इसके लिए उन्होंने अपने स्तर से पूरा प्रयास किया, लेकिन गॉंव के चारों तरफ पानी का स्तर बढ़ने से उनके सारे प्रयास बेकार साबित हुए।
Bihar: Locals of Dhadhiya village, Darbhanga say all of them, along with their cattle, had gathered at one spot when village was flooded. Say “We thought if we die we’ll die together, kept animals in shed made of sarees. Now we await govt help. There’s no food or fodder.” (20.07) pic.twitter.com/CgVxQxvI60
— ANI (@ANI) July 20, 2019
एक ग्रामीण ने बताया, “यह बेहद निराशाजनक है कि कोई सरकारी अधिकारी हमारी मदद को नहीं आया। हमारे पास पीने का पानी तक नहीं हैं। हम सब यहॉं एक-दूसरे की मदद करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हमारा राशन, घरेलू सामान, फर्नीचर वगैरह सब पानी में डूब चुके हैं।”
ग्रामीणों के लिए सुरक्षित जगहों तक पहुॅंचना भी संभव नहीं है, क्योंकि बाढ़ के कारण यातायात सेवाएँ बुरी तरह बाधित हैं। एक अन्य ग्रामीण ने बताया, “यातायात ठप है। इस तरह के हालात में लोग सुरक्षित जगहों तक पहुॅंच सके इसकी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए।”
बाढ़ से बिहार में अब तक करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 12 जिलों के करीब 26 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के खाते में भेजने के लिए 6000 करोड़ रुपए मुहैया कराए हैं।