Sunday, November 17, 2024
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भगवद् गीता पर IIM अहमदाबाद में पाठ्यक्रम, कॉरपोरेट्स को सिखाएगा प्रबंधन और कुशल नेतृत्व से जुड़े स्किल

''भगवद् गीता के पाठ प्रबंधन की बारीकियों को समझने और इसमें बेहतर करने के लिए आवश्यक तरीके सुझाते हैं, जो बिजनेस मॉडल के अनुरूप हैं और नैतिक भी हैं।''

भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद कॉर्पोरेट पेशेवरों के लिए प्रबंधन पाठ (management lessons) पढ़ाने के लिए भगवद् गीता पर एक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। 13 दिसंबर से शुरू होने वाले प्रोग्राम में गीता से ‘समकालीन प्रबंधन अवधारणाओं, संघर्षों, संकट की स्थिति और व्यापार में ट्रेड ऑफ का पता लगाने’ के पाठ और अध्याय शामिल किए जाएँगे।

महाभारत और भगवद् गीता जैसे भारतीय महाकाव्यों ने लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है। महाकाव्यों में बताई गई बातें एक बेहतर जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं। इसने कई संस्थानों और कॉरपोरेट्स को भी प्रेरित किया है। आईआईएम-ए वेबसाइट के अनुसार, ”भगवद् गीता के पाठ प्रबंधन की बारीकियों को समझने और इसमें बेहतर करने के लिए आवश्यक तरीके सुझाते हैं, जो बिजनेस मॉडल के अनुरूप हैं और नैतिक भी हैं।”

अहमदाबाद मिरर के साथ बात करते हुए एक आईआईएम अधिकारी ने कहा, “भगवद् गीता के पाठ Management Practices को बढ़ावा देने के सटिक तरीकों का सुझाव देते हैं, जो बिजनेस मॉडल के अनुरूप हैं और नैतिक भी हैं।”

पाठ्यक्रम के बारे में

पाठ्यक्रम को हर 3 घंटे के 6 सेशन में बाँटा गया है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य अंतर्दृष्टि विकसित करना, समकालीन प्रबंधन और मूल्य-आधारित नेतृत्व की अवधारणाओं को मजबूत करना, नेतृत्व कुशलता और समझ को विकसित करना है। भगवद् गीता पढ़ने वाला हर शख्स कृष्ण-अर्जुन संवाद से महान शिक्षाओं, युद्ध में कदम रखने से पहले अर्जुन की दुविधा और एक मार्गदर्शक के रूप में कृष्ण की भूमिका से अच्छी तरह वाकिफ होगा।

अधिकारी ने आगे कहा, “भगवद् गीता पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को आत्मविश्वास के साथ अपने करियर में चुनौतीपूर्ण समय का सामना करने की क्षमता विकसित करने में मदद करेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें कॉरपोरेट जगत में खुद को प्रभावी लीडर के रूप में विकसित करने के तरीकों के बारे में जागरूक करना है। केस डिस्कशन और वीडियो फिल्मों का उपयोग करके जो कंटेंट दिखाया जाएगा, उसमें कृष्ण ने गीता का जो उपदेश दिया जो आज भी व्यवहारिक जीवन की समस्याओं के लिए समाधानकारक है। वह सब भी​ सिखाया जाएगा।”

यह प्रोग्राम 5 साल के कार्य अनुभव वाले पेशेवरों के लिए है। निर्णय लेना, नेतृत्व क्षमता, प्रेरणा, रणनीति योजना, बातचीत, टीम के निर्माण में कुशल प्रबंधन तकनीकों को सीखने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति पाठ्यक्रम के लिए नामांकन कर सकता है। प्रोग्राम की फीस 64,000 रुपए है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तिथि 29 नवंबर है।

मीडिया से बात करते हुए पाठ्यक्रम बनाने वाले प्रोफेसर सुनील माहेश्वरी ने कहा, “हम केस स्टडी पद्धति के माध्यम से पढ़ाते हैं और अगर हमें प्रबंधकों को ये कौशल सिखाना है, तो कुशल नेतृत्व सिखाने के लिए भगवान कृष्ण के जीवन से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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