बिहार के नवादा में साइबर थाना की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो महिलाओं को माँ बनाने के नाम पर दूसरे राज्यों के पुरुषों को ठग रहा था। पुलिस ने इस केस में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि दर्जन भर अपराधी फरार हो गए। पकड़े गए ठगों के पास से पुलिस को 9 मोबाइल और प्रिंटर मशीन और बड़ी संख्या में डेटा बरामद हुआ है। अनुमान है कि इस ठगी के रैकेट में 25-30 लोग शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये गिरफ्तारी इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर एसआईटी ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गुरम्हा गाँव में की। वहाँ मुन्ना कुमार उर्फ दीपक इस रैकेट को चलाता था। इसके टीम के सदस्य ठग भोले-भाले लोगों को फोन करके कहते थे कि उन्हें उन महिलाओं को प्रेगनेंट करना है जो माँ नहीं बन पा रहीं। इसके बदले उन्हें लाखों रुपए दिए जाएँगे। इस तरह वो पुरुषों को बातों में फँसाकर रजिस्ट्रेशन फीस और सिक्योरिटी फीस के नाम पर ठगते थे।
डीएसपी कल्याण आनंद ने बताया कि गुरमा स्थित ईंट के बने बोरिंग घर के पास साइबर क्राइम करने वाले 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम शत्रुघ्न कुमार उर्फ सोनू कुमार, राजेश कुमार, प्रभात कुमार वर्मा, कविंद्र प्रसाद, गोपाल दास,अनिल कुमार, अजय कुमार, लक्ष्मण कुमार हैं।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि लोग ठगी करने के लिए इस स्कैम को ऑल इंडिया प्रेगनेंट जॉब का नाम दिए हुए थे। इसी का नाम लेकर ये भोले-भोले लोगों के मोबाइल पर संपर्क करते थे और कहते थे कि जिन महिलाओं को बच्चे नहीं हो रहे हैं, उन महिलाओं को प्रेग्नेंट करना है। अगर महिला सफलापूर्वक प्रेगनेंट हो गई तो इसके बदले में उनको 13 लाख रुपए दिए जाएँगे।
लोगों को फँसाने के लिए ये उनके वॉट्सएप नंबर के जरिए संपर्क करते थे। फिर महिला की तस्वीर आदि दिखाकर इस काम के लिए उन्हें मनाया जाता था। इसके बाद जब व्यक्ति इस काम को करने की इच्छा जताता था तो उससे पहले रजिस्ट्रेशन फीस माँगी जाती थी जो 799 रुपए थी और उसके बाद उसे सिक्योरिटी मनी डिपोजिट करने को कहा जाता था जो 5 हजार से 20 हजार रुपए था। इसमें भी अगर महिला बहुत सुंदर है तो ये प्राइज बढ़ जाता था।
पुलिस के मुताबिक ये ठग पुरुषों को फँसाकर कहते थे कि अगर उन्होंने महिला को प्रेगनेंट कर दिया तो उन्हें 13 लाख रुपए मिलेंगे लेकिन अगर नहीं कर पाए तो सांत्वना राशि 5 लाख रुपए की दी जाएगी। पुलिस को इनके पास से कई महिलाओं का और पुरुषों की तस्वीरें मिली हैं। अब पुलिस इस रैकेट को चलाने वाले मुन्ना को ढूँढने का प्रयास कर रही है। छापेमारी के दौरान वह फरार हो गया था।