पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर जो अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया गया था, उसका असर अब दिखने लगा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आखिरकार बोलना पड़ा कि उनके देश में ‘जिहादी संगठनों’ और ‘जिहादी कल्चर’ के लिए कोई जगह नहीं है।
मीडिया से बातचीत करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान शांतिप्रिय देश है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया को यह भरोसा दिलाना चाहता है कि वह केवल शांतिप्रिय देश ही नहीं है, बल्कि वह लघुकालीन और दीर्घकालीन नीतियों से इस ‘जिहादी कल्चर’ एवं आंतकवाद को समाप्त करने को लेकर भी ईमानदार है। इसके साथ ही FATF (Financial Action Task Force) द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के डर से इमरान खान ने बयान देते हुए कहा कि हम ब्लैकलिस्टेड नहीं होना चाहिए।
पाकिस्तान के PM का ये बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान पर मोदी सरकार की कूटनीतिक पहलों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में अमेरिकी सचिव माइकल आर पोम्पेओ ने भी भारत में हुए पुलवामा हमले को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दूसरी बार भारत में आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान के लिए काफी दिक्कत हो सकती है।
हालाँकि, इमरान खान ने पोम्पेओ के इस बयान पर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उन्होंने कहा, “भारत बेवजह ही पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है। उनका कहना है कि जैश ने हमले की जिम्मेदारी ली है, इसका ये मतलब नहीं कि पाकिस्तान का इसमें कोई हाथ है। साथ ही ईरान भी हम पर आरोप लगा रहा है कि आतंकवादी आतंक फैलाने के लिए हमारी जमीन का इस्तेमाल कर रहे है।”
इमरान खान ने देश में कानून-व्यवस्था के बारे में कहा कि प्रतिबंधित संगठनों को बहुत पहले ही नष्ट कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन यह उनकी सरकार है जो ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए भारी धन खर्च कर रही है।