एक ख़बर आई है कि मंगलौर में मोहम्मद अंसारी नाम के एक शख्स को खेत में गाय के साथ अप्राकृतिक सेक्स करते हुए ग्रामीणों द्वारा देखा गया। ग्रामीणों के मुताबिक अंसारी ने पहले गाय के पाँवों को रस्सी से बाँधा और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। गुस्साए गाँव वालों ने अंसारी से गाय के पाँव छूकर माफी माँगने को कहा, लेकिन जैसे ही अंसारी वहाँ पहुँचा, गाय उसे देखकर डर गई और वहाँ से भाग गई।
गौर करने लायक है कि अंसारी को रंगे हाथों पकड़ने के बाद जब गाँव के लोग उससे पूछताछ कर रहे थे तो उसकी कमीज की जेब से नारियल तेल की बोतल भी मिली, जिसे उसने दुष्कर्म को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया था। साथ ही जब वह पकड़ा गया, तब उसकी कमीज पर गोबर के भी निशान थे। लेकिन, क्या आपको पता है कि पशुओं के साथ बर्बरता दिखाने का यह पहला मामला नहीं है बल्कि पिछले साल से लेकर अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पशुओं के साथ यौन बर्बरता दिखाई गई और आरोपित मुस्लिम समुदाय से आने वाले लोग रहे।
सबसे पहले बात करते हैं जुलाई 2018 में हरियाणा के मेवात में घटी घटना की। उस समय एक गर्भवती बकरी का इस दरिंदगी से बलात्कार किया गया कि उस निरीह पशु की मौत हो गई। हारून और जफ़र सहित कुल 8 लोगों ने मिल कर उस बकरी का गैंगरेप किया था। बकरी के मरने की वजह उसके प्राइवेट पार्ट्स में अत्यधिक ब्लीडिंग और शॉक को बताया गया।
One person, Aslu registered a complaint on July 26 that his goat was gang-raped on the night of July 25 by Savakar, Haroon, Jaffar and five others whose identities are yet to be ascertained: Nagina police station in charge (SI) Rajbir Singh. #Haryana pic.twitter.com/gEClo5SVxc
— ANI (@ANI) July 28, 2018
अक्टूबर 2018 में बागपत के तिलवाड़ा गाँव में एक बछड़े के साथ बलात्कार किए जाने की घटना सामने आई थी। बछड़े की मौत के बाद पुलिस ने आईपीसी 377 (अप्राकृतिक संबंध) और 429 (जानवर के साथ क्रूरता) की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। मुस्लिम समुदाय से आने वाला आरोपित नाबालिग था। बछड़े को इस बर्बरता के कारण कई आंतरिक घाव हो गए थे, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गाँव में भी तनाव का माहौल व्याप्त हो गया था।
अगस्त 2018 में एक मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ से भी आया था। छोटे ख़ान नामक व्यक्ति एक गाय का बलात्कार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। उसकी गिरफ़्तारी के बाद उसके परिवार वालों ने एसपी से मिल कर आरोप लगाया कि संपत्ति विवाद के कारण ख़ान को फँसाया जा रहा है। यह बहस का मुद्दा है कि जिस भी समाज में इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं, वहाँ लोगों को, खासकर युवाओं को किस तरह की शिक्षाएँ दी जा रही हैं? जिस समाजिक परिवेश में व्यक्ति रहता है या अपना अधिकतर समय गुजारता है, उसकी हरकतें भी उसी अनुरूप हो जाती हैं।
ऊपर के तीन उदाहरण सिर्फ 2018 से हैं। ऐसा कुछ 2017 में भी हुआ होगा, 2016 में भी। मानसिकता साल और महीने नहीं देखती। ऐसे लोग घृणित सोच के होते हैं और इन्हें जो करना होता है, वो करते हैं। बेटियों-बच्चियों को बुरी नजर से बचाते-बचाते अब लोगों को अपने पशु-मवेशियों को भी बचाना होगा।