केरल के कुछ लोगों द्वारा कुवैत के गल्फ बैंक के साथ 700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस धोखाधड़ी केस में करीबन 1425 मलयालियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि ये सारे लोग गल्फ बैंक से बड़े अमाउंट का लोन ले-लेकर अलग-अलग देशों में शिफ्ट हो गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन आरोपितों ने फर्जी दस्तावेजों और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करते हुए बैंक से ऋण प्राप्त करने का प्रयास किया। अब पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफआई आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 406 (विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया है।
मामले में कुल 1425 आरोपित हैं, सबके खिलाफ जाँच जारी है और अन्य संभावित आरोपितों की पहचान की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन आरोपितों ने धोखाधड़ी करने के क्रम में बैंक से पहले 50 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक का लोन लिया। इसके बाद इस वाले लोन को इन लोगों ने समय से लौटा दिया लेकिन बाद में बड़े लोन ले लेकर फरार हो गए।
कहा जा रहा है कि ये आरोपित गल्फ बैंक को चूना लगाने के बाद ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में जाकर बसे हुए हैं। वहीं बैंक ने इस मामले में अपनी छानबीन को तीन महीने पहले ही करना शुरू किया। तब शुरू किया है जब कर्ज चुकाने की तारीख लेट होती गई। बैंक के अधिकारी केरल आए। यहाँ उन्होंने सीनियर पुलिस अधिकारी से मुलाकात की और सारा मामला बताया। इसके बाद शिकायत के आधार पर एर्नाकुलम और कोट्टायम जिलों में 10 मामले दर्ज किए गए हैं।
अभी तक की जाँच में सामने आया है कि इस घटना में 800 ऐसे लोग हैं तो कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय में बतौर नर्स काम करते थे। बैंक का मानना है कि शायद शुरुआत में कुछ लोगों ने इस गड़बड़ी को अंजाम दिया हो और बाद में उनसे सीखकर दूसरे मलयाली भी इस अपराध को किए हों।