उत्तराखंड के नैनीताल जिले में धारी तहसील क्षेत्र के सरना गाँव में अनुसूचित जाति के लोगों को प्रलोभन देकर और दबाव बनाकर समुदाय विशेष के जमीन खरीदने के मामले की प्रदेश शासन ने जाँच करने के आदेश दिए हैं। शासन ने नैनीताल के जिलाधिकारी को मामले का परीक्षण कर तत्काल आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के अपर सचिव राजस्व डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने इस सम्बन्ध में नैनीताल के जिलाधिकारी को पत्र लिखा था।
पत्र में उन्होंने अवगत कराया था कि सितम्बर महीने में 21 व 22 तारीख को सरना गाँव में एक साथ 13 व्यक्तियों द्वारा भूमि की रजिस्ट्री कराई गई। यह भूमि अलीगढ़, संभल आदि स्थानों के एक समुदाय विशेष के लोग हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि यह भूमि बाजार भाव के उलट कौड़ियों के दाम में खरीदी गई है। खरीददारों ने लेन-देन नकद किया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अजयेन्द्र अजय ने पिछले महीने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिख कर सरना गाँव में समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के निवासियों को लालच और डरा – धमका कर उनकी भूमि कौड़ियों के भाव खरीदने का आरोप लगाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने इस मुद्दे को उठाया था। इस मामले में कई महिलाओं ने भी धारी के एसडीएम को शिकायती पत्र देकर जमीन की गलत तरीके से हो रही खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की माँग की थी।
अजयेंद्र ने बताया था कि इस जमीन के बिकने से उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उस जमीन पर इन्होंने लोन भी ले रखा था। लोगों का कहना था कि जमीन पर कई पार्टनरों का मालिकाना हक था, लेकिन खरीदे जाने से पहले सबकी सहमति नहीं ली गई। उन पार्टनर्स ने भी आपत्ति जताते हुए कलक्टर के दफ्तर में शिकायत दायर की थी। इसके अलावा अजयेन्द्र ने इस जमीन की खरीद के लिए दी गई रकम का भी मुद्दा उठाया था।
उन्होंने बताया कि इस जमीन करार में बाजार वैल्यू को वास्तविक मूल्य से 10% कम कर के दिखाया गया। इसके लिए पेमेंट भी कैश में किया गया था, इसीलिए संदेह पैदा होता है कि जमीन खरीदी किसने। इसके पीछे कुछ गुप्त लोग या संगठन हो सकते हैं। भाजपा नेता ने बताया कि स्थानीय लोग बाहर के लोगों के नाम रजिस्ट्री करने में सहज नहीं हैं और समुदाय विशेष के लोगों द्वारा बड़ी संख्या में जमीन खरीदे जाने से यहाँ की डेमोग्राफी पर असर पड़ सकता है।
गौरतलब है कि नैनीताल के विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिमों का दखल बढ़ता ही जा रहा है। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नितिन कार्की ने इस डेमोग्राफिक बदलाव के संबंध में आगाह करते हुए कुछ दिनों पहले ही जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। घोड़ा, टैक्सी, नौका संचालन, टूरिस्ट गाइडिंग, होटलों इत्यादि को लीज में लेने में मुस्लिम समुदाय का दखल बढ़ा है। इनमें से अधिकतर खासतौर पर रामपुर, दडिय़ाल, स्वार, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के रहने वाले हैं।