पॉप स्टार रिहाना द्वारा किसान आंदोलन के पक्ष में किए ट्वीट के बाद सोशल मीडिया दो धड़ों में बँटा नजर आ रहा है। एक धड़े ने जहाँ इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार बताया है तो दूसरे धड़े ने रिहाना का समर्थन किया है। वहीं अब भारतीय पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान भी अब तथाकथित बुद्धिजीवियों के गिरोह में शामिल हो गए है। और उन्होंने इशारों-इशारों में रिहाना की बातों का समर्थन किया है।
बता दें, हाल ही रिहाना, ग्रेटा थुनबर्ग, अमांडा सेर्नी, लिली सिंह, जे सीन जैसे विदेशी हस्तियों ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था। उनके विरोध के बाद सोशल मीडिया पर मानो भूचाल आ गया हो। हालाँकि, बाद में यह पता चला कि उनके समर्थन में एक समन्वित अभियान का हिस्सा थे, जिसके बाद भारतीय दिग्गजों ने उन्हें जमकर लताड़ा था।
अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, करण जौहर, एकता कपूर, कैलाश खेर जैसे दिग्गज बॉलीवुड हस्तियों से लेकर भारतीय क्रिकेटरों सहित दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट के खिलाफ भारतीयों से एकता का आह्वान किया था।
गौरतलब है कि इस जरूरत के समय में जब पूरी क्रिकेट टीम ‘भारत के खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार के खिलाफ एकजुट रहने के लिए अपना समर्थन देते हुए भारत की एकता के साथ खड़े होकर और हैशटैग #IndiaAgainstPropegenda के साथ ट्वीट कर रहे थे। तब ऐसे में भारत के पूर्व खिलाड़ी इरफान पठान ने अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रिटीज़ का समर्थन करना ज्यादा सही समझा।
इरफान पठान ने कटाक्ष करते हुए गुरुवार को एक ट्वीट किया, “जब अमेरिका में एक पुलिसवाले द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड (अश्वेत नागरिक) की हत्या की गई थी, तब हमारे देश ने भी इस पर अपना दुख जताया था।” इसके साथ ही उन्होंने हैश टैग #Justsaying का इस्तेमाल किया है।”
उल्लेखनीय है कि इस ट्वीट के जरिए न केवल इरफान पठान ने 26 जनवरी को किसानों की आड़ में दिल्ली में हिंसा फैलाने वाले दंगाइयों का समर्थन किया बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले को जॉर्ज फ्लॉयड घटना के साथ जोड़कर लोगों को भी उकसाया और फिरंगियों का मुँहतोड़ जवाब दे रहे सेलेब्रिटीज़ और क्रिकेटर्स की भी आलोचना की।
बता दें कि अमेरिका में पुलिस द्वारा एक अफ्रीकी अमेरिकी, जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या कर दी गई थी। जिसके तुरंत बाद इस मामले को लेकर भारत में तथाकथित बुद्धिजीवियों के गिरोह ने देश के मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की थी। वे चाहते थे कि मुसलमान इस तथाकथित ‘मुस्लिम लाइव्स मैटर’ के विरोध के लिए सड़कों पर उतरें।
आपको बता दें कि पॉप गायिका रिहाना ने मंगलवार को एक खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था, “हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? इसके साथ उन्होंने Farmer’s Protest हैशटैग भी लिखा।” वहीं इस खबर को साझा करते हुए एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग ने भी प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी ‘एकजुटता’ व्यक्त की थी।
जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि देश के कुछ हिस्सों में किसानों के एक बहुत छोटे से वर्ग को कृषि सुधारों के बारे में कुछ आपत्तियाँ हैं और आंदोलन पर जल्दबाजी में टिप्पणी करने से पहले इस मुद्दे को समझने की जरूरत है।
ट्विटर पर फैल रहे दुष्प्रचार पर लगाम लगाते हुए विदेश मंत्रालय ने रिहाना और ग्रेटा थुनबर्ग जैसे चर्चित लोगों के ट्वीट को लेकर कहा कि सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स को लुभाने का तरीका, खासकर यह मशहूर हस्तियों द्वारा किया गया हो, तो यह न तो सटीक है और न ही जिम्मेदाराना है। यह लोगों को लुभाने का आसान तरीका है।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करते हैं कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ बनाई जाए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए।” हालाँकि इस दौरान मंत्रालय की ओर से विशेष रूप से किसी का नाम नहीं लिया गया है।