प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में निवेश भी आकर्षित किए जा रहे हैं। अब इजरायल भी इस क्षेत्र में भारत का साथ देने के लिए आ गया है। इजरायल की कंपनी ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ ने भारत में 800 करोड़ डॉलर (66,411 करोड़ रुपए) के निवेश का प्रस्ताव दिया है। साथ ही कंपनी ने इसके लिए भारत सरकार से ज़रूरी मंजूरी भी माँगी है। कंपनी का कहना है कि वो भारत में 65 नैनोमीटर और 40 नैनोमीटर के चिप का निर्माण करेगी।
मोदी सरकार के प्रमुख कारोबारी एजेंडों में सेमीकंडक्टर भी है। इसके लिए दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 10 बिलियन डॉलर की योजनाएँ भी लॉन्च की हैं। अक्टूबर 2023 में केंद्रीय IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ के CEO रसल्ल सी एललवंगेर से मुलाकात भी की थी। इस बैठक में भारत में इजरायल के एम्बेस्डर नाओर गिलोन ने भी हिस्सा लिया था। उस समय भी भारत और इजरायली कंपनी के बीच सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में पार्टनरशिप की बात हुई थी।
वहीं 2022 में International Semiconductor Consortium (ISMC), जिसका ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ भी एक हिस्सा है, उसने भारत की सेमीकंडक्टर योजना में सहभागिता के लिए प्रस्ताव दिया था। उस समय Intel ने ‘टॉवर सेमीकंडक्टर’ को खरीदने का प्रस्ताव दिया था। उधर इसकी प्रक्रिया चल रही थी, इसीलिए ISMC के प्रस्ताव को भारत सरकार ने ठन्डे बस्ते में रखे हुआ था। भारत सरकार चाहती थी कि Intel अपनी प्रक्रिया पूरी कर ले, फिर इस पर आगे बढ़ा जाए।
Israel-based chip manufacturer, Tower Semiconductor, has proposed establishing an $8 billion chip fabrication plant in India.
— Hananya Naftali (@HananyaNaftali) February 11, 2024
We are growing stronger together. 🇮🇳🇮🇱 #India pic.twitter.com/pBCU8NGsj2
Intel के सीईओ पेट गेलसिंगेर ने भी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। साथ ही वो MeiTY मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी 2022 में मिले थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि निकट भविष्य में भारत में यूनिट स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। अब अन्तर-टॉवर सेमीकंडक्टर की डील रद्द हो गई है। भारत सरकार फिर से अब इजरायली कंपनी के संपर्क में है। 300 से अधिक संस्थाएँ व कंपनियाँ इसकी ग्राहक हैं। अमेरिका की Micron पहले ही भारत में बड़े निवेश का ऐलान कर चुकी है।