CCD संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की मौत के मामले में IT (आयकर) विभाग के दावे से नया मोड़ आ गया है। IT विभाग ने कहा है कि उसके पास सिद्धार्थ का जो हस्ताक्षर, वह सोशल मीडिया पर चल रहे उनके कथित पत्र के हस्ताक्षर से अलग है। साथ ही विभाग ने जाँच के दौरान सिद्धार्थ को प्रताड़ित करने के आरोपों से भी इनकार किया है। विभाग के अनुसार पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद ने अपनी आय के कुछ हिस्से को छिपाने का आरोप भी स्वीकारा था।
मालूम हो कि सोमवार से लापता चल रहे सिद्धार्थ का लाश उल्लाल के निकट नेत्रवती नदी किनारे मिला। उनका शव वहाँ मौजूद स्थानीय मछुआरों ने निकाला।
‘भरसक कोशिश की लेकिन…’
जिस पत्र की बात हो रही है, वह दावे के अनुसार उन्होंने CCD के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स) को लिखा था। इसमें वह लाभप्रद बिज़नेस का मॉडल खड़ा नहीं कर पाने के लिए निदेशक मंडल से माफ़ी माँग रहे हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि भरसक कोशिश करते रहने के बाद आज (पत्र लिखते समय) वह हार मान रहे हैं, क्योंकि एक निजी इक्विटी पार्टनर उन्हें (सिद्धार्थ को) शेयर दोबारा खरीदने (‘buy back’) के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसे आंशिक रूप से पूरा करने के लिए 6 महीने पहले उन्होंने एक मित्र से बड़ी रकम उधार ली थी। इसके अलावा अन्य देनदारों के भी भीषण दबाव की बात उन्होंने पत्र में कही है।
इस पत्र में वीजी सिद्धार्थ ने पूर्व आयकर महानिदेशक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस मामले में 2017 में 4 दिन की छापेमारी के बाद आयकर विभाग को, रिपोर्टों के मुताबिक, तब बड़ी सफ़लता हाथ लगी थी जब सिद्धार्थ ने CCD की ₹650 करोड़ की छिपी आय का खुलासा किया था। इस मामले में आयकर विभाग ने सिद्धार्थ के 46 लाख निजी शेयर इन देनदारियों से अटैच किए थे। इसके अलावा सिद्धार्थ का दावा है कि CCD की माइंडट्री के साथ डील में भी आयकर विभाग ने उनके शेयर अटैच करके अड़ंगा लगाया था।