राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने बुधवार (अक्टूबर 28, 2020) को कश्मीर में कई जगह छापेमारी की है। इनमें ग्रेटर कश्मीर का मुख्य कार्यालय व मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज का आवास भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया है कि श्रीनगर और बांदीपोरा के कई स्थानों को मिलाकर आज 10 जगहों पर रेड मारी गई है। एक अधिकारी के अनुसार अखबार के कार्यालय और कार्यकर्ता के आवास के अलावा, एनआईए की टीमों ने हैदरपोरा (Hyderpora) और नवाकदल (Nawakadal) में 2 एनजीओ, 1 पत्रकार के घर, एक हाउसबोट के मालिक और हुर्रियत कार्यकर्ता के कार्यालयों पर भी छापेमारी की।
#Breaking NIA raids the office of the daily newspaper Greater Kashmir in Press enclave in Srinagar.
— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) October 28, 2020
NIA sleuths, accompanied by paramilitary CRPF and police, raided the office of daily news paper in Press enclave Srinagar.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उनके सूत्रों ने इस हुर्रियत नेता की पहचान युसूफ सोफी के रूप में की है जो बांदोपोरा के बरार गाँव का रहने वाला है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि छापेमारी लगातार की जा रही है और कई गुप्त दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया है।
वहीं एनआईए की टीम ने एनजीओ में हो रहे रूपयों के हेरफेर का पता लगाने के लिए नया मामला दर्ज किया है। इसके तहत एनआईए रूपयों के सोर्स, खर्च का पता लगाएगी। इस एनजीओ पर लंबे समय से हवाला रैकेट, गलत तरीके से फंड जुटाने और आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप लगते रहे हैं।
#BREAKING | NIA conducted raids at multiple locations in #Srinagar, including the office of Greater Kashmir newspaper and the residence of human rights activist Khurram Parvaiz in Sonwar in connection with ‘unaccounted funding’.
— JAMMU TV (@JammuTv) October 28, 2020
The offices of NGO Athrout are also being raided. pic.twitter.com/Ch7gzTIvS4
टीम ने ऐसे ही तीन और अन्य एनजीओ पर छापा मारा है। इन पर भी यह आरोप है कि इन्हें अज्ञात दानदाताओं से पैसा मिल रहे थे, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक मदद पहुँचाने में किया जा रहा था। वहीं इससे पहले एनआईए की टीम ने 2019 में ग्रेटर कश्मीर अखबार के एडिटर इन चीफ फयाज कालू से कुछ आर्टिकल्स के संबंध में पूछताछ की थी।
इन लेखों को बुरहान वानी की मौत के बाद अखबारों में प्रकाशित किया गया था। इसी तरह खुर्रम परवेज की भी गिरफ्तारी साल 2016 में हुई थी।
NIA raids on human rights activist Khurram Parvez & Greater Kashmir office in Srinagar is yet another example of GOIs vicious crackdown on freedom of expression & dissent. Sadly, NIA has become BJPs pet agency to intimidate & browbeat those who refuse to fall in line
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 28, 2020
उल्लेखनीय है कि पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस छापेनमारी की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, ”NIA ने श्रीनगर में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और ग्रेटर कश्मीर के कार्यालय पर छापामारी की। ये अभिव्यक्ति की आजादी और असंतोष पर भारत सरकार की दोषपूर्ण कार्रवाई का एक और उदाहरण है। अफसोस की बात है कि NIA उन लोगों को डराने और धमकाने के लिए BJP की पालतू एजेंसी बन गई है, जो लाइन में लगने से इनकार करते हैं।”