Monday, December 23, 2024
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10 जगहों पर NIA की रेड: हुर्रियत नेता युसूफ सोफी, एक्टिविस्ट खुर्रम परवेज, ग्रेटर कश्मीर के कार्यालय सहित 2 NGO भी जद में

अधिकारियों ने बताया है कि श्रीनगर और बांदीपोरा के कई स्थानों को मिलाकर आज 10 जगहों पर रेड मारी गई है। अखबार के कार्यालय और कार्यकर्ता के आवास के अलावा, एनआईए की टीमों ने हैदरपोरा और नवाकदल में 2 एनजीओ, 1 पत्रकार के घर, एक हाउसबोट के मालिक और हुर्रियत कार्यकर्ता के कार्यालयों पर भी छापेमारी की।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने बुधवार (अक्टूबर 28, 2020) को कश्मीर में कई जगह छापेमारी की है। इनमें ग्रेटर कश्मीर का मुख्य कार्यालय व मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज का आवास भी शामिल है। 

अधिकारियों ने बताया है कि श्रीनगर और बांदीपोरा के कई स्थानों को मिलाकर आज 10 जगहों पर रेड मारी गई है। एक अधिकारी के अनुसार अखबार के कार्यालय और कार्यकर्ता के आवास के अलावा, एनआईए की टीमों ने हैदरपोरा (Hyderpora) और नवाकदल (Nawakadal) में 2 एनजीओ, 1 पत्रकार के घर, एक हाउसबोट के मालिक और हुर्रियत कार्यकर्ता के कार्यालयों पर भी छापेमारी की।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उनके सूत्रों ने इस हुर्रियत नेता की पहचान युसूफ सोफी के रूप में की है जो बांदोपोरा के बरार गाँव का रहने वाला है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि छापेमारी लगातार की जा रही है और कई गुप्त दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया है।

वहीं एनआईए की टीम ने एनजीओ में हो रहे रूपयों के हेरफेर का पता लगाने के लिए नया मामला दर्ज किया है। इसके तहत एनआईए रूपयों के सोर्स, खर्च का पता लगाएगी। इस एनजीओ पर लंबे समय से हवाला रैकेट, गलत तरीके से फंड जुटाने और आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप लगते रहे हैं।

टीम ने ऐसे ही तीन और अन्य एनजीओ पर छापा मारा है। इन पर भी यह आरोप है कि इन्हें अज्ञात दानदाताओं से पैसा मिल रहे थे, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक मदद पहुँचाने में किया जा रहा था। वहीं इससे पहले एनआईए की टीम ने 2019 में ग्रेटर कश्मीर अखबार के एडिटर इन चीफ फयाज कालू से कुछ आर्टिकल्स के संबंध में पूछताछ की थी। 

इन लेखों को बुरहान वानी की मौत के बाद अखबारों में प्रकाशित किया गया था। इसी तरह खुर्रम परवेज की भी गिरफ्तारी साल 2016 में हुई थी।

उल्लेखनीय है कि पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस छापेनमारी की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, ”NIA ने श्रीनगर में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और ग्रेटर कश्मीर के कार्यालय पर छापामारी की। ये अभिव्यक्ति की आजादी और असंतोष पर भारत सरकार की दोषपूर्ण कार्रवाई का एक और उदाहरण है। अफसोस की बात है कि NIA उन लोगों को डराने और धमकाने के लिए BJP की पालतू एजेंसी बन गई है, जो लाइन में लगने से इनकार करते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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