मध्य प्रदेश के जबलपुर में अपने ब्वॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़कर करीबन ढाई महीने पहले रेलवे अधिकारी पिता और मात्र 8 साल के भाई की निर्ममता से हत्या करने वाली 15 साल की नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग अपने अपने 21 साल के ब्वॉयफ्रेंड के साथ हरिद्वार में भटक रही थी। पुलिस ने पहचान होते ही लड़की को पकड़ लिया, वहीं जिस लड़के के साथ मिल उसने पिता-भाई को मौत के घाट उतारा था उसने मौके पर चकमा देकर लड़की का साथ छोड़ दिया और फरार हो गया। हालाँकि 1 दिन बाद ही में खबर आई कि लड़के ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, जबलपुर में हत्या करने के बाद से दोनों नाबालिग लड़की अपने ब्वॉयफ्रेंड मुकुल के साथ फरार हुई थी और पुलिस लगातार इनकी तलाश में थी। लड़की नाबालिग थी इसलिए ज्यादा डिटेल ओपन नहीं कर सकते थे, मगर लड़का बालिग था इसलिए पुलिस ने उसकी फोटो लगाकर पोस्टर जगह-जगह लगाए।
इन पोस्टरों का फायदा ये हुआ कि हरिद्वार में रहने के दौरान एक दिन अस्पताल में इन्हें एक शख्स ने पहचान लिया। वहाँ ये लोग 2-3 घंटे से ज्यादा थे। व्यक्ति को इनकी पहले मूवमेंट संदिग्ध लगी क्योंकि लड़की बार-बार वॉशरूम जा रही थी और लड़का बाहर खड़ा होता था। बाद में गौर से देखा तो उसे याद आ गया लड़के का पोस्टर उसने देखा है।
व्यक्ति ने फौरन इस संबंध में पुलिस को फोन किया। चेहरा मिलाया तो मिल गया। पुलिस ने आकर पूछताछ की तो दोनों ने कहा वो घूमने आए हैं। हालाँकि पुलिस ने उन्हें एहसास नहीं होने दिया कि वो उन्हें पहचान गए हैं।
पुलिस ने कहा ‘चलो तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ दें’ इतना कहकर उन्होंने लड़की को गाड़ी में बैठाया और लड़के को बैठने को कहा तो वो बोला कि अस्पताल से बैग लेकर आया। इतना कहकर वो अंदर गया और अंदर से ही फरार हो गया। पुलिस ने उसका पीछा किया, मगर भीड़ का फायदा उठाकर वो भाग गया।
पड़ताल में सामने आया कि 21 दिन से दोनों हरिद्वार के अलग-अलग आश्रम में रह रहे थे। उन्हें पता चला कि यूपी और मथुरा पुलिस उनकी तलाश में है। ऐसे में उन्होंने उत्तराखंड जाने की तैयारी की। ये प्लान भी मुकुल का ही था। मुकुल जानता था कि उत्तराखंड एक टूरिस्ट प्लेस है। यहाँ पुलिस की नजर उनपर नहीं पड़ेगी।
छानबीन में ये भी सामने आया कि दोनों की प्लानिंग नेपाल जाने की थी, मगर नेपाल के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। यही वजह थी कि वह नेपाल बॉर्डर से 600 किलोमीटर का सफर तय करके हरिद्वार पहुँचे। यहाँ वह दिन में आश्रम में गुजारते और रात में जिला अस्पताल के कैंपस में रहते थे। आखिरकार उनकी अपनी ही चालाकी के कारण वो फँस गए।
जबलपुर एसपी ने इस मामले में बताया कि वो लोग पिछले 75 दिन से दोनों आरोपितों को खोजने में प्रयासरत थे। इसके लिए उन्होंने कड़ी मशक्कत की। आठ टीमों को काम पर लगाया गया। खाते फ्रीज किए गए। लिमिट सिर्फ 1 हजार की गई। शुरू में आरोपित समझ गए कि पुलिस उन्हें उनकी ट्रांजैक्शन लोकेशन से पकड़ना चाह रही है, इसलिए उन्होंने ऐसा करना भी बंद कर दिया। जब पैसे खत्म हुए तो इन्होंने भंडारे और आश्रम में रहना शुरू कर दिया।
कहाँ-कहाँ भटके दोनों?
पुलिस को इस बीच इनकी लोकेशन मुंबई, पुणे, कर्नाटक, गोवा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और बिहार में मिली थी, लेकिन हर बार मुकुल की चालाकियों के कारण ये पुलिस के हाथ से बच जा रहे थे। 11 अप्रैल को पुलिस को इनकी एक लोकेशन चंडीगढ़ मिली जैसे ही पुलिस पहुँची पता चला वो लोग गायब हैं। 6 दिन बाद हरियमाण में दोनों की लोकेशन मिली और फिर 19 अप्रैल को अयोध्या में। इसके बाद जबलपुर पुलिस ने यूपी पुलिस की सहायता से उसे मथुरा में पकड़ना चाहा, पर वहाँ से भी वो फरार हो गया। इसके बाद सबसे आखिरी लोकेशन उन्हें नेपाल बॉर्डर के पास मिली।
मुकुल ने पुलिस को भ्रमित करने के लिए बॉर्डर के पास अपना फोन ऑन करके बंद कर दिया ताकि पुलिस को लगे वो लोग नेपाल भाग गए हैं। पुलिस ने इन दोनों को पकड़ने के लिए देश भर में और नपाल में भी करीबन 10 हजार पोस्टर लगवा। वहीं देशभर के डीसीपी को भेजकर गिरफ्तारी में मदद माँगी और आखिर में इनकी गिरफ्तारी हरिद्वार से जाकर हुई।
BF के चक्कर में पिता-भाई की हत्या
बता दें कि नाबालिग लड़की के पिता राजकुमार विश्वकर्मा (52) रेलवे अधिकारी थे। ब्वॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़कर पिता की हत्या लड़की ने 15 मार्च 2024 को धारदार भारी हथियार से की थी। उनके सिर पर 10 बार वार करके सिर की हर हड्डी तोड़ दी गई थी, वहीं भाई के सिर की हड्डी एक ही बार में सारी टूट गई थी। इसके बाद उन दोनों ने खून से लथपथ शव को पन्नी में बाँध घर में छोड़ दिया था, वहीं भाई के शव को फ्रिज में रख दिया था।
हत्या के बाद दोनों आरोपित घर से बाहर चले गए थे। जाँच में ये भी सामने आया था कि मुकुल हत्या से कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा था। उस पर रेप का आरोप था, लेकिन इसी लड़की के बयान के कारण वो जेल से निकल आया था। हत्या के बाद लड़की ने भोपाल में रहने वाली अपनी चचेरी बहन को वॉयस नोट भेजा था। इस नोट में उसने कहा था कि मुकुल ने अपनी पापा-भाई को मार दिया है। उसकी चचेरी बहन ने यह जानकारी आगे दी तो आरपीएफ मौके पर पहुँची और पॉलीथीन से शव बरामद हुए