ओडिशा में स्थित प्रभु जगन्नाथ मंदिर में हर वर्ष हज़ारों-लाखों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं। देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए वहाँ प्रसाद भी बनाया जाता रहा है। जहाँ पहले मंदिर भक्तों से गुलजार रहता था, अब कोरोना वायरस के कारण यहाँ अघोषित कर्फ्यू का माहौल है। भक्तों की चहलकदमी बंद हो गई है। श्रीमंदिर में भक्तों के दर्शन पर रोक लग गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। जिला प्रशासन व सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हुए मंदिर प्रशासन ने ये फ़ैसला लिया है।
ऐसा 328 साल बाद हुआ है, जब श्रीमंदिर में इस तरह ‘कर्फ्यू’ लगा हो। आज से 328 साल पहले एक्राम ख़ान के हमले दौरान मंदिर में इस तरह का सन्नाटा पसरा था। एक्राम ख़ान ने जब मंदिर पर हमला किया था, तब उसने भारी लूट मचाई थी और जमकर कत्लेआम हुआ था। फ़िलहाल ओडिशा सरकार ने निर्णय लिया है कि 31 मार्च तक श्रीमंदिर को बंद रखा जाएगा। एक्राम ख़ान वाली घटना 17वीं शताब्दी की है। वो औरंगज़ेब का जनरल था। उसने और मरमस्त ख़ान जामउल्लह ने 1692 में मंदिर पर हमला किया था। हमलावरों ने मंदिर के सिंहद्वार को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
जब ये हमला हुआ था तब प्रतिमा को क्रूर हमलावरों से बचाने के लिए तब के गजपति राजा व स्थानीय लोगों ने मिल कर छिपा दिया था। इस्लामी आक्रांताओं का मुख्य मकसद देवता की मूर्ति को क्षत-विक्षत करना ही था। उन्होंने जब स्थानीय लोगों से मूर्ति के बारे में पूछा तब उन्हें मुख्य प्रतिमा की जगह दूसरी प्रतिमा थमा दी गई, जिसे उन्होंने मुख्य प्रतिमा समझा। इसके बाद कुछ दिनों के लिए श्रीमंदिर को बंद कर दिया गया। हालाँकि, पुजारीगण गोपनीय रूप से पूजा-पाठ और सारे रीति-रिवाजों को निभाते रहे, लेकिन आम जनता के लिए ये मंदिर तब कुछ दिनों तक बंद रहा था।
BIG BREAKING: Puri Jagannath Temple to be out of bounds for devotees as temple admin decides to suspend darshan of deities at the shrine from tomorrow till Mar 31 as precautionary measure against #CoronavirusOutbreak; only servitors will be allowed inside to perform rituals pic.twitter.com/s51KIt6QrK
— OTV (@otvnews) March 19, 2020
उस समय की तरह ही अभी भी जगन्नाथ मंदिर आम जनता के लिए तो बंद रहेगा, लेकिन पुजारी प्रतिदिन की तरह पूजा-पाठ जारी रखेंगे व अन्य रीति-रिवाजों को निभाते रहेंगे। इससे पहले मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से एक सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाया था, जिसमें बताना होता था कि उन्होंने कोरोना वायरस से सम्बंधित चेकअप कराया है और वो संक्रमित नहीं हैं। लेकिन कोरोना को लेकर लगातार बिगड़ती स्थिति के बाद अब इसे बंद कर दिया गया है। ओडिशा सरकार ने भी 5 जिलों व 7 शहरों में ‘कम्प्लीट लॉकडाउन’ की घोषणा की है।