दिल्ली के जहाँगीरपुरी में 16 अप्रैल 2022 को हुई हिंसा के बाद जमीयत उलेमा ए हिन्द और कई अन्य राजनीतिक पार्टियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान पीड़ित बता कर कुछ लोगों को राहत सामग्री बाँटे जाने के कई फोटो और वीडियो भी वायरल हुए। कुछ संगठनों द्वारा मामले में आरोपित बनाए गए लोगों को कानूनी मदद भी देने की घोषणा हुई।
ऑपइंडिया ने जहाँगीरपुरी जा कर ग्राउंड पर ये जाना कि राहत और मदद एकतरफा है। पीड़ित हिन्दू पक्ष अभी भी मददगारों की बाट जोह रहा है। मतलब यह कि जिन लोगों ने दंगा किया, मदद भी उन्हें ही और जिन पर अत्याचार हुए… वो अभी भी लाचार-परेशान।
#जमीअत उलमा-ए-हिंद की जानिब से C-Block #Jahangirpuri दिल्ली में राशन किट की तकसीम की शुरुआत की गई। @JamiatUlama_in started Ration Kits distribution to the victims in C-Block, #Jahangirpuri Delhi Victims. #Bulldozer@mahmoodAmadani pic.twitter.com/1ACXQx5lmL
— Mohammad Mubashir (@mubashirjuh) April 26, 2022
TMC ने मुस्लिमों को डरा हुआ बताया
TMC का प्रतिनिधि मंडल भी घटनास्थल पर गया। उसने जहाँगीरपुरी दंगों में एक पक्ष को पीड़ित बताते हुए दिल्ली पुलिस और सरकार पर निशाना साधा। TMC ने इसे फैक्ट फाइंडिंग टीम का नाम दिया था। टीम ने मुस्लिम पक्ष को डरा हुआ बता कर उनके घरों में सुविधाओं की कमी को अपने दौरे में जाँच निष्कर्ष के रूप में पाया।
TMC Fact finding delegation in Jahangirpuri, Delhi today #FAM4TMC pic.twitter.com/RyjZs2FmOa
— Mamata Banerjee Supporters (FAM) (@FAM4TMC) April 22, 2022
सपा सांसद एचटी हसन और शफीकुर्रहमान बर्क के लिए कब्जाधारी ‘गरीब’
समाजवादी पार्टी ने भी अपना प्रतिनिधि मंडल मुरादाबाद के सांसद एचटी हसन और शफीकुर्रहमान के नेतृत्व में भेजा। एचटी हसन ने अतिक्रमण अभियान की निंदा करते हुए अवैध कब्जाधारियों को ‘गरीब’ और ‘उजाड़ दिया’ जैसी संज्ञा दी। उनके मुताबिक अतिक्रमण विरोधी अभियान की चपेट में आए लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है। इस प्रतिनिधि मंडल के साथ CPI के नेता भी मौजूद थे। उन्होंने भी अतिक्रमण विरोधी अभियान को ‘सरकारी जुल्म’ बताया।
WATCH: Days after eviction drive, politicians make a beeline to violence-hit Jahangirpuri, demand compensation for damages
— The New Indian (@TheNewIndian_in) April 23, 2022
“Homes & shops of the poor were destroyed. Centre should resettle the aggrieved families,” says @samajwadiparty MP ST Hasan.
FULL: https://t.co/J26jO4Qe3c pic.twitter.com/ka7qICEIlE
आरोपितों को लेकर इन तमाम नेताओं ने जो-जो कहा, जिनके-जिनके घर गए, वो सब ऊपर लिख दिया गया है। लेकिन क्या पीड़ितों के दर्द को भी समझने की कोशिश हुई है? ऑपइंडिया की टीम इसी को जानने ग्राउंड पर गई, लोगों से बात की। पीड़ितों ने जो बात बताई, वो वामपंथी-कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम की कलई खोलती है।
हिंसा पीड़ित हिन्दुओं के घर कोई नहीं गया
ऑपइंडिया ने इस हिंसा के दौरान पीड़ित हिन्दुओं के परिवारों से मुलाक़ात की। अलग-अलग परिवारों का अलग-अलग नुकसान हुआ। किसी की दुकान को लूटा गया, किसी के ठेले को पलट दिया गया, किसी की बाइक तोड़ दी गई तो किसी की रेहड़ी में आग लगा दी गई थी। उन सभी ने एक स्वर में बताया कि अभी तक उनको किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनसे मिलने अभी तक कोई नहीं आया। उनमें से कुछ पीड़ितों से हमने बात की।
महेश का ठेला बर्बाद
‘जय माँ वैष्णो चाऊमीन’ नाम से फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले महेश का ठेला उपदव्रियों की चपेट में आ गया था। महेश ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया, “घटना के दिन हमारे पिता अशोक कुमार यहाँ पर थे। हमारे ठेले को पलट दिया गया था। सारा सामान बिखर गया था हमारा। हमारे पास उसकी तस्वीरें भी हैं। हम खुद बनवा रहे हैं अपने ठेले को अपने पैसे से। हमारा पूरा परिवार इसी से गुजारा करता है। अभी तक हमसे मिलने या हमारी मदद करने कोई भी नहीं आया।”
जय मां वैष्णो चाऊमीन सेंटर को पलट दिया
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
उसका कुछ सामान उठा लिया और कुछ बिखेर दिया
अशोक कुमार कई वर्षो से इसी ठेले से पालते थे अपना परिवार
जहांगीरपुरी हिंसा के बाद इनके घर हालचाल भी पूछने नहीं गया कोई भी जबकि जमीयत कहीं और बांट रहा मदद व TMC, ओवैसी मिल कर दिखा रहे एकतरफा दर्द pic.twitter.com/fCprKoNL3Z
पीड़ित दुकानदार अपनी जेब से खर्च कर के ठेले को फिर से बनवा चुके हैं। पेट पालने के लिए वो काम पर फिर से लौट चुके हैं।
गर्ग स्टोर को लूटा, मालिक जान बचा कर भागा
सामने न आने की शर्त पर कुशल सिनेमा रोड के एक स्थानीय निवासी ने बताया, “वो (दंगाई) गर्ग स्टोर परचून वाले का गल्ला लूट कर ले गए। मेरे ही आगे हुआ ये। एक बंगाली का लड़का उसे लूट रहा था। मालिक जान बचा कर दुकान को खुली छोड़ कर भागा। वो पीछे के मकान में छिप गए थे। उस तरफ का मुख्य गेट बंद हो गया था। वर्ना वो पीछे वहाँ भी आ जाते। इतने के बाद भी गलियों के अंदर भीड़ गई थी। यहाँ अभी तक कोई हाल चाल पूछने वाला भी नहीं आया। मदद देना तो दूर की बात है।”
उन्मादी भीड़ देख गर्ग स्टोर का मालिक दुकान छोड़ कर जान बचा कर भागा.
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
जैसे तैसे एक घर में घुस पाया.
फिर उनकी दुकान को जी भर के लूटा गया.
वो मंजर देखने वाला आज भी इतना डरा है कि अंधेरे में हमसे बात की।
हिंदुओं को दर्द ये है कि मदद सिर्फ एक ही तरफ बंट रही है.@AmitShah@CPDelhi pic.twitter.com/cdKDBEtbVQ
सच्चाई जानने के लिए हमने गर्ग स्टोर को देखा। हमने पाया कि गर्ग स्टोर बंद था और उसके आगे पुलिस बल तैनात था।
गौतम स्टूडियो और रोहिणी क्लिनिक पर गिरी गाज
कुशल सिनेमा रोड पर ही गौतम स्टूडियो और रोहिणी क्लिनिक आस-पास मौजूद हैं। घटना के दिन दोनों मालिकों की बाइकें बाहर खड़ी थीं। गौतम सिनेमा के मलिक की बाइक यामाहा थी जबकि क्लिनिक संचालित करने वाले डॉक्टर बीएल माथुर की स्कूटी थी। ये दोनों वाहन हिंसक भीड़ की चपेट में आ गए। इसमें तोड़फोड़ की गई। गौतम स्टूडियो पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि अभी तक कोई भी मदद किसी से भी नहीं मिली है। उन्होंने आगे बताया कि हिंसा के दौरान दुकान के शटर गिरा लिए थे।
उनकी टूटी बाइक बाहर ही खड़ी दिखी। जबकि डॉक्टर माथुर की क्लिनिक बंद मिली और मौके पर उनकी स्कूटी भी नहीं दिखी।
दलित परिवार का बेटा घायल, कार क्षतिग्रस्त
काफी पहले आज़ादपुर में रेहड़ी लगाने वाले दलित परिवार के नरेश कुमार की जमा पूँजी से खरीदी गई कार को दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने ऑपइंडिया को बताया, “हमें अभी तक किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली। हम कार को अपने खर्च से बनवा रहे हैं। ये हमला मुस्लिमों ने किया था। उनसे हमारी पहले कोई भी दुश्मनी नहीं थी। वो कभी इधर से हमला कर रहे थे तो कभी उधर से।”
अनुसूचित जाति से आने वाले नरेश कुमार की कार को जहांगीरपुरी हिंसा में तथाकथित शांतिदूतों ने तहस नहस कर दिया।
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
उन्होंने जीवन भर की जमापूंजी से इसे खरीदा था…
इनके बेटे पर भी हमला हुआ था।।
इनके भी दरवाजे आज तक कोई हाल चाल पूछने भी न आया..@VHPDigital pic.twitter.com/uJbBL9M97k
नरेश के मुताबिक, “मेरा बेटा दंगाइयों की चपेट में आ गया था। उसको बेरहमी से मारा गया। उसके इलाज का भी खर्च हम ही उठा रहे हैं।”
जला दी पानीपूरी वाले की रेहड़ी
नरेश के घर के सामने एक जली हुई रेहड़ी खड़ी थी। वहाँ पर मौजूद स्थानीय निवासी राकेश साहू ने ऑपइंडिया से बताया, “मैं दंगे का साक्षी हूँ। पहल दूसरी तरफ से हुई थी। यह इसी गली में टिक्की और गोलगप्पे लगाने वाले एक हिन्दू व्यक्ति की रेहड़ी है। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने इस रेहड़ी को पलट कर इसमें आग लगा दी थी। यह रेहड़ी उसने कर्ज ले कर बनवाई थी। वह किराए पर रहता है। कम से कम 40-50 हिन्दू ऐसे हैं, जिनका दंगों में नुकसान हुआ है। हिन्दू पक्ष की तरफ राहत आदि देने अभी तक कोई नहीं आया। सारा सहयोग मुस्लिमों की तरफ जा रहा है। यहाँ तो हालचाल पूछने भी कोई नहीं आया।”
जला दी गई थी गोलगप्पे वाले की रेहड़ी..
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
तब से वो बेरोजगार है..
कर्ज ले कर बनवाया था इसे..
पड़ोसियों ने बताया, “हमारी तरफ कोई क्यों आएगा मदद करने… सबको तो मुस्लिम ही प्रिय हैं”… pic.twitter.com/vUtlLjVrNh
हमारी स्कूटी तोड़ी, हमारे ही लोग पकड़े जा रहे
एक अन्य स्थानीय निवासी मंगल ने बताया, “हिंसा के दिन मेरा भतीजा स्कूटी चला रहा था। न जाने उसको कहाँ से हमलावर मिल गए। उन्होने मारपीट की और हमारी स्कूटी को भी तोड़ डाला है। अभी तक हम लोगों को किसी भी तरह की कोई मदद नहीं दी गई है। सबसे हैरानी की बात ये है कि हमारा ही नुकसान हुआ और हमारे ही लोग पकड़े जा रहे हैं।”
जहांगीरपुरी
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
हमारे स्कूटी टूटी
हम ही मार खाए
और हमको ही पुलिस भी पकड़ रही…
मदद तो दूर.. कोई मिलने तक नहीं आया..@drskj01 pic.twitter.com/rO1xrzp9Kt
पत्थर भी खाया, स्कूटी भी तोड़ डाला… मदद शून्य
एक अन्य स्थानीय संजय कौशिक ने बताया, “मैं भी शोभा यात्रा में शामिल था। अचानक ही पथराव हुआ और पत्थरों से मुझे भी चोट लगी। बाद में भीड़ ने हमारी स्कूटी को तहस-नहस कर दिया। हमें अभी तक किसी भी प्रकार का कोई सहयोग किसी से भी नहीं मिला है।”
हमारी तो किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 30, 2022
फिर भी हमारी स्कूटी को तोड़ डाला गया
हमको पत्थर भी मारे गए..
कौशिक परिवार, जहांगीरपुरी pic.twitter.com/A7WQua6EfA
इन सबके अलावा स्थानीय लोगों के मुताबिक हिंसक भीड़ कुशल सिनेमा जाने वाली रोड पर मौजूद एक चौड़ी गली में घुसी थी। उस गली में कई लोगों के वाहनों को नुकसान पहुँचाया गया। रास्ते में मिले लोगों के साथ मारपीट भी की गई। पुलिस भी उप्रदवियों को रोकने में लाचार दिख रही थी। ऑपइंडिया को कुछ ऐसे लोग भी मिले, जिन्होंने हिंसा में अपना नुकसान होना तो स्वीकार किया लेकिन कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।