दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर की गई हिंसा के मुख्य आरोपित मोहम्मद अंसार समेत दूसरे संदिग्धों के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय ने एक्शन लिया है। एजेंसी ने इन सभी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
इससे पहले दिल्ली के पुलिस कमिस्नर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को जहाँगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपित की पीएमएलए एक्ट के तहत जाँच के लिए पत्र लिखा था। पत्र मिलने के बाद हरकत में आई ईडी ने आरोपितों के खिलाफ दर्ज शिकायतों के आधार पर अपनी शुरुआती जाँच को आगे बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि जहाँगीरपुरी में हिंसा भड़काने के मामले में मोहम्मद अंसार को 17 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। सोशल मीडिया पर भी अंसार अपनी रईसी दिखाते देखा गया था। पुलिस को शक है कि उसने जुए के जरिए कमाए गए पैसे से कई जगहों पर जमीनें और दूसरी संपत्तियाँ खरीदी थी।
यहीं नहीं प्रवर्तन निदेशालय ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि आरोपित की संपत्तियों औऱ बैंकों की जाँच की जा रही है। जाँच एजेंसी का कहना है कि अब ये मामला दंगे का नहीं है। अवैध तरीके से अर्जित किए गए धन का भी मामला है। दरअसल, अंसार को बड़े पैमाने पर सोने की चेन अँगूठी पहने देखा गया था। इसके अलावा उसकी बीएमडब्ल्यू को देखते हुए अब एजेंसियों ने उसके वित्तीय लेनदेन पर नजर पैनी कर ली है।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2022 को हनुमाजयंती के मौके पर हिंदुओं ने शोभा यात्रा निकाली थी, जिसमें कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हमला कर दिया था। कट्टपंथियों ने शोभा यात्रा पर पथराव और काँच की बोतलों से हमला किया था। इस हिंसा में कई लोग बुरी तरह घायल हुए थे। दंगाइयों के द्वारा चलाई गई गोली में एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया था। खास बात ये है कि जहाँगारपुरी की हिंसा में आरोपित अंसार के आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता होने का शक है। उसने दिल्ली चुनाव के दौरान पार्टी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपित की पहचान गुलाम रसूल उर्फ गुल्ली के तौर पर हुई है।
इस हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो नाबालिग भी हैं। इस मामले में आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र दंगा), 186 (लोक सेवक के काम में बाधा), 353 (लोक सेवक पर हमला), आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 27 के साथ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 427 (संपत्ति को नुकसान), और 436 (विस्फोटकों से हमले) के तहत केस दर्ज किया गया है।