जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इन्हीं में एक ASI अरुण कुमार भी थे। घटना में उनके पाँव और कंधे में चोट आई है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह उस दृश्य को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं जो उन्होंने अपने सामने देखा।
उन्होंने बताया कि वह शोभा यात्रा का हिस्सा शुरू से बने हुए थे। उनकी गाड़ी उस गाड़ी के पीछे थी जिसमें मूर्ति रखी गई थीं। उन्होंने बताया कि जैसे ही वो कुशल चौक पहुँचे। सैकड़ों की भीड़ अचानक जुलूस के पास आने लगी। वह कहते हैं, “शब्द उस दृश्य को नहीं बयान कर सकते हैं जो मैंने उस दिन देखा। हर जगह हल्ला था। लोग पत्थर फेंक रहे हैं। गाली-गलौच हो रहा था। हमने स्थिति को संभालना चाही लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।”
ASI अरुण कुमार याद करते हैं कि कैसे उस भीड़ में लोगों के हाथों में तलवारें थीं, चाकू थी, पत्थर थे और बोतलें थीं। वे लोग कार जलाने की कोशिशें कर रहे थे। पुलिस उन्हें रोक रही थी। स्थिति शांत करने के प्रयास हो रहे थे। मगर, तभी एक पत्थर एएसआई पर आकर गिरा।
मॉडल टाउन निवासी ASI अरुण कुमार ने रिपब्लिक टीवी के कैमरे पर भी बात की। उन्होंने अपनी चोटें दिखाते हुए बताया कि कैसे हनुमान जन्मोत्सव पर जुलूस शांति से निकल रहे थे। उस जुलूस में उनकी गाड़ी सबसे आखिर में थी। तभी वहाँ लोगों ने हल्ला करना शुरू कर दिया। स्थिति देख वह समझ चुके थे कि अब कुछ बड़ा होने वाला है। उन्होंने फौरन हालातों के बारे में आगे जानकारी दी और मौके पर अधिक पुलिस बल तैनात करने को कहा।
उन्होंने बताया कि कैसे शोभा यात्रा के गुजरते समय गाली-गलौच करने वालों में महिलाएँ ज्यादा थीं। उनके अनुसार वह लोग जैसे ही सी ब्लॉक से बाहर निकले वैसे ही उनके ऊपर पथराव शुरू हो गया। उनके हाथों में लाठी, तलवार, सरिया सब कुछ था। पत्थर और ईंट वो लोग इतना मार रहे थे कि सबने अपनी गाड़ियाँ छोड़ दी थीं।
#EXCLUSIVE | Delhi violence: Injured police officer ASI Arun Kumar gives detailed account to Republic about how the clashes took place during Shobha Yatra in Jahangirpuri.
— Republic (@republic) April 17, 2022
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एएसआई के अनुसार, वह भी गाड़ी से उतरकर स्थिति संभालने का प्रयास करने लगे थे लेकिन दंगाई इतने इकट्ठा हो गए कि कुछ रोका नहीं जा पा रहा था। कुछ बच्चों को बुलाकर गाड़ियाँ हटवाई गई। कुछ पड़ी रह गई। सब तोड़-फोड़ कर रहे थे। आग लगाई जा रही थी। एएसआई बताते हैं, “मैं गाड़ी की आग बुझा रहा था तभी मेरे कंधे पर आकर एक बड़ा ईंट गिरा। सारे शरीर में गुम चोट आई है।”
उन्होंने हालातों को देखते हुए कहा कि शोभा यात्रा पर जैसे हमला हुआ वो बिन प्लॉनिंग के असंभव था। एएसआई अरुण उस दावे को भी खारिज करते हैं जिसमें कहा जा रहा था कि शोभा यात्रा में भड़काऊ नारेबाजी हुई जिससे दंगा शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। कइयों को पत्थर लगा, एक को गोली भी लगी, किसी के हाथ में चाकू से मार दिया गया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर इतना पथराव हो रहा था कि खड़े होने की जगह तक नहीं थी।