गुजरात के एक क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में दो हिंदू छात्रों को ‘जय श्रीराम’ कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करने पर सजा दी गई। यह घटना पिछले हफ्ते वापी जिले के सेंट मैरी स्कूल में हुई। हालाँकि हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद स्कूल ने माफी माँग ली है।
देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 9 के दो छात्रों ने स्कूल के कॉरिडोर में जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके बाद उन्हें स्कूल प्रबंधन ने दंडित किया गया। साथ ही लिखित माफी माँगने को मजबूर करते हुए निलंबित करने की धमकी दी। हालाँकि, दो दिन बाद स्कूल ने सजा वापस ले ली और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने पर माफी माँगी। स्कूल ने एक बयान में कहा है, “11-03-2022 को स्कूल के कॉरिडोर में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने की घटना के मामले में अनुशासन प्रभारी सर कल्पेश भगत ने लिखित में माफी पत्र लिया था।”
सेंट मैरी स्कूल के प्रशासन से परेशान दोनों नाबालिग बच्चों के माता-पिता विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की वापी इकाई के उपाध्यक्ष नरेंद्र पायक के पास पहुँचे। विहिप व बजरंग दल के सदस्य कॉन्वेंट स्कूल पहुँचे और स्कूल के संचालन का विरोध किया। इसके बाद, सेंट मैरी के प्रिंसिपल सेवियो कैथिनो और अनुशासन प्रमुख कल्पेश भगत ने दोनों हिंदू बच्चों के माता-पिता से माफी माँगी।
स्कूल ने माफी माँगते हुए एक बयान में कहा है, “काफी सोच-विचार के बाद, हमने (प्रबंधन) महसूस किया है कि उपरोक्त अनुशासनात्मक कार्रवाई किसी अन्य तरीके से भी की जा सकती थी। अगर हमने अपनी कार्रवाई से किसी की भी धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाई है, तो हम खुले दिल से माफी माँगते हैं।” विहिप नेता सुशील यादव ने बताया कि ईसाई मिशनरी स्कूल हिंदू छात्रों को हाथ में कलावा बाँधने को लेकर भी अक्सर परेशान करते हैं।