Wednesday, June 26, 2024
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पुरानी दिल्ली में 127 बकरों को जैन समाज ने कटने से बचाया, ₹11 लाख खर्च कर खरीदे: जीवन भर देखभाल का भी किया प्रबंध

धर्मपुरा जैन मंदिर के युवा जैन संगठन ने इसके लिए समाज से अपील की कि वह जीव हत्या रोकने के लिए सहयोग करें। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुपों में सहयोग की अपील की गई। देखते-देखते इस अपील के कारण ₹11 लाख जमा हो गए और इसके बाद बकरों की खरीददारी चालू हो गई।

बकरीद के मौके पर बकरों को कुर्बानी से बचाने के लिए जैन समाज ने ₹11 लाख खर्च करके 100 से अधिक बकरों को खरीद लिया। जैन समाज ने आपसी सहयोग के माध्यम से यह कदम उठाया और अब यह बकरे आगे भी काटे जाने से बचें, इसका भी इंतजाम कर दिया है।

यह पूरा मामला दिल्ली का है। यहाँ बकरीद (17 जून, 2024) के मौके पर काटे जाने के लिए बकरों की खरीद बिक्री के बीच जैन समाज से जीव हत्या को रोकने के लिए एक शानदार निर्णय लिया। दिल्ली धर्मपुरा जैन मंदिर से जुड़े लोगों ने यह पहल की।

धर्मपुरा जैन मंदिर के युवा जैन संगठन ने इसके लिए समाज से अपील की कि वह जीव हत्या रोकने के लिए सहयोग करें। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुपों में सहयोग की अपील की गई। देखते-देखते इस अपील के कारण ₹11 लाख जमा हो गए और इसके बाद बकरों की खरीददारी चालू हो गई।

जैन समाज ने जमा की गई इस धनराशि से बाजार में कुर्बानी के लिए बिक रहे 127 बकरे खरीदे और उनका जीवन बचा लिया। उनको कटने से बचाने के बाद जैन समाज ने उन्हें एक जगह इकट्ठा करके जीवसेवा के लिए रखा है। यहाँ उन्हें लगातार दाना पानी दिया जा रहा है। सभी बकरों की मेडिकल जाँच भी करवाई गई है।

बकरों के खाने-पीने के अलावा, उनको भविष्य में कोई कुर्बानी के लिए दोबारा ना खरीद सके, इसके भी इंतजाम किए गए हैं। इन बकरों को आगे सहारनपुर स्थित एक पशुशाला में भेजा जाएगा, यहाँ इनको पाला जाएगा। इन्हें आगे अब कभी बेंचा नहीं जाएगा।

बकरों को बचाने वाले युवाओं ने बताया कि उन्हें देश-विदेश से इस पुनीत कार्य के लिए चन्दा मिला है। उन्होंने बताया कि इस कम में जैन समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी पैसा दिया है। अब इनकी आगे की व्यवस्था की जा रही है। जैन मंदिर से जुड़ी समाजसेवी महिला ने बताया कि उनका धर्म अहिंसा की प्रेरणा देता है और इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया।

युवाओं ने बताया कि इस बकरीद पर यह केवल एक छोटे प्रयास के रूप में चालू किया गया था। आगे इसका दायरा बढ़ाया जाएगा ताकि और भी बेजुबानों की रक्षा हो सके। इसमें देश विदेश के लोगों को जोड़ा जाएगा। इसको अब बड़े स्तर पर किया जाएगा।

गौरतलब है कि बकरीद के पहले देश भर में बकरों की काफी बिक्री होती है, इन्हें मुस्लिम कुर्बान करने के लिए खरीदते हैं। इन्हें कुछ दिन पहले खरीदने के बाद कुर्बान कर दिया जाता है। इस दौरान बकरों की कीमत भी बाजार में बढ़ जाती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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